₹20 में इलाज करने वाले पद्मश्री डॉ. एम.सी. डावर का निधन, 79 की उम्र में ली अंतिम सांस

Author Picture
Published On: 4 July 2025

जबलपुर | गरीबों के मसीहा, पद्मश्री से सम्मानित डॉक्टर मुनीश्वर चंद्र डावर अब हमारे बीच नहीं रहे। 79 वर्षीय डॉ. डावर का शुक्रवार सुबह जबलपुर स्थित उनके घर में निधन हो गया। वे पिछले कुछ दिनों से बीमार चल रहे थे। जैसे ही उनके निधन की खबर फैली, जबलपुर समेत पूरे मध्यप्रदेश में शोक की लहर दौड़ गई।

53 साल तक डॉक्टर डावर ने लाखों मरीजों का इलाज किया और वो भी सिर्फ ₹2 से ₹20 तक की फीस लेकर। उनका नाम जबलपुर की पहचान बन गया था।

गरीबी से उठकर मसीहा बनने की कहानी

डॉ. डावर का जन्म 1946 में आज के पाकिस्तान में हुआ था। विभाजन के बाद उनका परिवार जबलपुर आ गया। जब वे सिर्फ डेढ़ साल के थे, तभी पिता का निधन हो गया। गरीबी में पले-बढ़े, सरकारी स्कूल में पढ़ाई की और जालंधर से उच्च शिक्षा लेने के बाद नेताजी सुभाषचंद्र बोस मेडिकल कॉलेज, जबलपुर से MBBS किया। कई मुश्किलों के बावजूद उन्होंने सेना में चयन पाया। 533 उम्मीदवारों में से केवल 23 चुने गए थे, जिनमें नवां नाम डावर का था।

1971 की जंग के हीरो

सेना में सेवा के दौरान डॉ. डावर की पोस्टिंग बांग्लादेश में 1971 की भारत-पाक युद्ध के समय हुई। उन्होंने मोर्चे पर घायल जवानों का इलाज किया, लेकिन स्वास्थ्य समस्याओं के कारण उन्हें समय से पहले सेना से रिटायर होना पड़ा। इसके बाद उन्होंने 1972 से जबलपुर में अपनी प्रैक्टिस शुरू की।

₹2 से शुरू की फीस

  • 1972-1986: ₹2 फीस में इलाज
  • 1986-1997: ₹3 फीस
  • 1997-2012: ₹5 फीस
  • 2012 के बाद: ₹20 में ही लोगों का इलाज करते रहे

उनका मानना था कि “डॉक्टरी सेवा है, व्यवसाय नहीं।” उनकी क्लिनिक में हमेशा भीड़ लगी रहती थी, क्योंकि वे जटिल बीमारियों का इलाज भी बेहद मामूली फीस में करते थे।

2023 में मिला पद्मश्री

उनकी सेवा को देखते हुए भारत सरकार ने 2023 में पद्मश्री से सम्मानित किया। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने उन्हें यह सम्मान प्रदान किया था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जब जबलपुर दौरे पर आए थे, तब उन्होंने सिर्फ डॉक्टर डावर से व्यक्तिगत मुलाकात की थी।

अंतिम विदाई एक युग का अंत

डॉ. डावर की मौत सिर्फ एक डॉक्टर की नहीं, एक मूल्य व्यवस्था की विदाई है, जो मानती थी कि चिकित्सा सेवा है, सौदा नहीं। उनकी अंतिम यात्रा में शहर भर से लोग उमड़े, जिनमें से कई ऐसे भी थे जिनका इलाज उन्होंने कभी बिना फीस या केवल ₹2 में किया था। नमन है उस डॉक्टर को, जिसने पेशा नहीं, सेवा चुनी। ₹2 में इलाज कर लाखों को जीवन देने वाले डॉ. एमसी डावर को भावभीनी श्रद्धांजलि।

Related News
Home
Web Stories
Instagram
WhatsApp