मंदसौर | करणी सेना परिवार ने शनिवार को मंदसौर में एसपी ऑफिस का घेराव कर जोरदार प्रदर्शन किया। संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष जीवन सिंह शेरपुर के खिलाफ दर्ज SC-ST एक्ट, रंगदारी और मारपीट के केस को लेकर प्रदर्शनकारियों ने दिनभर हंगामा किया। इस दौरान पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच झूमाझटकी भी हुई। हालात बेकाबू होते देख पुलिस ने वाटर कैनन का इस्तेमाल करते हुए प्रदर्शनकारियों को खदेड़ा। इसके बाद शेरपुर को हिरासत में ले लिया गया। पुलिस रविवार को उन्हें कोर्ट में पेश करेगी।
पुलिसकर्मियों को सस्पेंड करने की मांग
करणी सेना कार्यकर्ता शेरपुर के खिलाफ दर्ज एफआईआर को वापस लेने और कार्रवाई करने वाले पुलिसकर्मियों को सस्पेंड करने की मांग कर रहे थे। संगठन के पदाधिकारी एसपी ऑफिस के सामने अनशन पर बैठ गए थे। इस दौरान पुलिस प्रशासन से तीखी बहस हुई। पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को समझाने की कोशिश की लेकिन बात नहीं बनी, जिसके बाद हालात पर काबू पाने के लिए वाटर कैनन चलानी पड़ी।
रंगदारी और मारपीट का मामला
जीवन सिंह शेरपुर और उनके साथियों पर आरोप है कि 26 जून को भावगढ़ थाना क्षेत्र के बेहपुर गांव में स्थित एक शराब ठेके पर जाकर उन्होंने ठेका कर्मचारियों से एक लाख रुपये महीने की रंगदारी मांगी। विरोध करने पर मारपीट की गई और जातिसूचक गालियां दी गईं। पीड़ित कर्मचारी ऋतिक और पुष्कर ने बताया कि आरोपियों ने कहा कि वे जीवन सिंह शेरपुर के आदमी हैं और हर महीने रुपए देने होंगे, तभी ठेका चलने दिया जाएगा। मारपीट में कर्मचारी पुष्कर को गंभीर चोटें आईं, जिन्हें अस्पताल में भर्ती किया गया है।
पीड़ित पक्ष का बयान
पीड़ित पक्ष ने कहा कि आरोपियों ने धमकी दी और गाली-गलौज में जातिसूचक शब्दों का इस्तेमाल किया। पुलिस ने इस मामले में सात आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज किया है, जिनमें जीवन सिंह शेरपुर, पुष्पेंद्र सिंह, इंद्रपाल सिंह, नागेंद्र सिंह, कुलदीप सिंह, सचिन और देवी सिंह शामिल हैं।
12 पुराने मामले भी दर्ज
मंदसौर एसपी अभिषेक आनंद ने बताया कि शेरपुर के खिलाफ मंदसौर, रतलाम और नीमच जिलों में पहले से 12 आपराधिक प्रकरण दर्ज हैं। इनमें हत्या के प्रयास जैसे गंभीर आरोप भी शामिल हैं। 26 जून की घटना के बाद कोर्ट ने उनके खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया था। पूछताछ के बाद उन्हें गिरफ्तार कर रविवार को कोर्ट में पेश किया जाएगा।
शेरपुर बोले- “मुझे झूठे केस में फंसाया जा रहा है”
जीवन सिंह शेरपुर ने आरोप लगाया कि पुलिस जानबूझकर उन्हें झूठे मुकदमों में फंसा रही है। उन्होंने कहा, “मैं आरोपियों को जानता जरूर हूं, लेकिन इस घटना से मेरा कोई लेना-देना नहीं है। पुलिस विपक्षी नेताओं को निशाना बना रही है। जब तक FIR वापस नहीं होगी और जिम्मेदार पुलिसकर्मी सस्पेंड नहीं होंगे, हम पीछे नहीं हटेंगे।”
