भोपाल | मध्यप्रदेश युवा कांग्रेस (MP Youth Congress) में इस बार संगठनात्मक चुनाव कई मायनों में खास हैं। पहली बार पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन मोड पर हो रही है, और मैदान में उतरे 19 उम्मीदवारों की पृष्ठभूमि भी बेहद विविधतापूर्ण है। इनमें सतना के दिव्यांग लोडिंग ऑटो चालक विनय पांडे से लेकर पूर्व मंत्री लखन घनघोरिया के बेटे यश घनघोरिया तक शामिल हैं। चुनाव प्रक्रिया 20 जून से शुरू हुई है और 19 जुलाई तक चलेगी।
प्रदेश अध्यक्ष पद के लिए कुल 19 उम्मीदवार मैदान में हैं, जिनमें पांच महिला प्रत्याशी भी शामिल हैं। महिला उम्मीदवारों में योगिता सिंह, गीता कड़वे, शुभांगना राजे जामनिया, स्वीटी पाटिल और मोनिका मांडरे के नाम हैं। जातिगत समीकरण की बात करें तो उम्मीदवारों में एसटी वर्ग से 2, ओबीसी से 4, एससी से 3 और सामान्य वर्ग से 6 हैं।
दावेदारी को मजबूती
यश घनघोरिया को पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ और नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार का समर्थन प्राप्त है, जिससे उनकी दावेदारी को मजबूती मिली है। वहीं भोपाल के अभिषेक परमार को पीसीसी अध्यक्ष जीतू पटवारी और दिग्विजय सिंह का परोक्ष समर्थन माना जा रहा है, हालांकि दिग्विजय सार्वजनिक तौर पर कह चुके हैं कि उनका कोई “अपना” उम्मीदवार नहीं है।
देवास जिले के खातेगांव से जिला पंचायत सदस्य और युवा कांग्रेस के जिला अध्यक्ष राजवीर कुडिया भी चुनावी मैदान में हैं। सीधी जिले से देवेन्द्र सिंह दादू भी अध्यक्ष पद के दावेदार हैं। अन्य प्रमुख उम्मीदवारों में जावेद पटेल, नीरज पटेल, प्रमोद सिंह, विश्वजीत सिंह चौहान, प्रियेश चौकड़े, अब्दुल करीम कुरैशी, आशीष चौबे, शिवराज यादव और राजीव सिंह के नाम शामिल हैं।
ऐसे हो रहा चुनाव
चुनाव प्रक्रिया Youth Congress Election Authority (YCEA) द्वारा मोबाइल एप और वेबसाइट के माध्यम से संचालित की जा रही है। 18 से 35 वर्ष के युवा ₹50 शुल्क देकर सदस्यता ले सकते हैं और उसी पोर्टल से मतदान कर सकते हैं। अब तक 7,80,054 युवा पंजीकृत हो चुके हैं, जिनमें से 4,44,858 ने शुल्क जमा किया है।
सदस्य बनने के लिए युवाओं को YCEA एप या वेबसाइट पर लॉगिन करके OTP सत्यापन, फोटो और आईडी अपलोड कर डिजिटल सदस्यता लेनी होती है। इसी पोर्टल से एक बार ही वोटिंग की जा सकती है, जिसे तुरंत सबमिट किया जाता है।
युवा कांग्रेस के इस चुनाव में जहां तकनीक ने पारदर्शिता और भागीदारी को बढ़ाया है, वहीं उम्मीदवारों की विविध पृष्ठभूमि ने लोकतांत्रिक प्रकिया को और जीवंत बना दिया है।
