भोपाल | मध्य प्रदेश की लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी (पीएचई) मंत्री संपतिया उईके पर जल जीवन मिशन में 1000 करोड़ रुपये का कमीशन लेने के गंभीर आरोप लगे हैं। यह आरोप सामाजिक कार्यकर्ता किशोर समरीते ने लगाए हैं, जिन्होंने प्रधानमंत्री को शिकायत भेजी थी। शिकायत के आधार पर पीएचई विभाग ने खुद ही मंत्री के खिलाफ जांच के आदेश जारी कर दिए हैं।
ये बातें निकलकर आई सामने
प्रमुख अभियंता (ईएनसी) संजय अंधवान ने सभी मुख्य अभियंताओं और मप्र जल निगम के परियोजना निदेशकों को सात दिन में रिपोर्ट सौंपने के निर्देश दिए हैं। केंद्र सरकार ने राज्य को जल जीवन मिशन के तहत 30,000 करोड़ रुपये की राशि दी थी, जिसके खर्च की जांच भी शुरू की गई है। शिकायत में मंडला और बैतूल के कार्यपालन यंत्रियों को मंत्री के लिए कथित वसूली करने वाला बताया गया है। बैतूल के इंजीनियर पर बिना काम कराए 150 करोड़ रुपये निकालने का आरोप है, जबकि 2200 टेंडरों पर बिना कार्य के राशि जारी करने की बात भी सामने आई है।
कोई जवाब नहीं आया सामने
हालांकि, प्रमुख अभियंता अंधवान ने कहा कि आरोप बेबुनियाद हैं और शिकायत के साथ कोई प्रमाण नहीं है। साथ ही, बालाघाट के इंजीनियर ने स्पष्ट किया है कि क्षेत्र में कोई अनियमितता नहीं हुई है। वहीं, किशोर समरीते का कहना है कि यह सिर्फ एक जिले की सफाई है, जबकि भ्रष्टाचार पूरे प्रदेश में हुआ है। वे इस मामले को लेकर जल्द ही कोर्ट में याचिका दायर करेंगे और सीबीआई जांच की मांग करेंगे। दूसरी ओर, पीएचई मंत्री से की तरफ से अभी तक कोई बयान सामने नहीं आया है।