उज्जैन | CM डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि प्रदेश सरकार सभी कांवड़ यात्रियों की सुरक्षा और सुविधा के लिए समुचित व्यवस्था सुनिश्चित कर रही है। इसके लिए प्रशासन को स्पष्ट निर्देश दिए जा चुके हैं। मुख्यमंत्री उज्जैन में त्रिवेणी स्थित शनिमंदिर से शुरू हुई समर्पण कांवड़ यात्रा में शामिल हुए। उन्होंने श्रद्धालुओं का पुष्पवर्षा कर अभिनंदन किया और कांवड़ पूजन के बाद स्वयं भी पदयात्रा की शुरुआत की।
डॉ. यादव ने इस मौके पर अग्नि अखाड़ा के महामंडलेश्वर संत उत्तम स्वामी के साथ पैदल चलकर यात्रा का शुभारंभ किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में धार्मिक उत्सवों को पूरे उत्साह और गरिमा के साथ मनाने की परंपरा को राज्य सरकार ने मजबूत किया है। उन्होंने बताया कि सिंहस्थ-2028 को दृष्टिगत रखते हुए उज्जैन में बुनियादी और स्थायी व्यवस्थाएं बनाई जा रही हैं।
सिंहस्थ धार्मिक सिटी का होगा निर्माण
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि आने वाले सिंहस्थ महाकुंभ की भव्यता और व्यवस्थाओं को देखते हुए सरकार ‘सिंहस्थ धार्मिक सिटी’ का निर्माण करवा रही है। यह धार्मिक नगरी संतों और श्रद्धालुओं के लिए आवास, सत्संग, पूजा-व्यवस्था और सेवा कार्यों का केन्द्र बनेगी। डॉ. यादव ने स्पष्ट किया कि सरकार की मंशा सिर्फ एक आयोजन की नहीं, बल्कि ऐसी व्यवस्था विकसित करने की है कि यदि हर वर्ष सिंहस्थ जैसे आयोजन हों तो भी कोई बाधा न आए।
“जल ही जीवन की संस्कृति”
कांवड़ यात्रा में शामिल श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा, “भारत की संस्कृति जल की महत्ता को हजारों वर्षों से समझती आई है। संकल्प लेने से लेकर धार्मिक अनुष्ठानों तक, जल का उपयोग हमारे जीवन का अभिन्न हिस्सा है। 194 देशों में शायद ही कोई ऐसा देश होगा, जहां शुभ कार्य जल से शुरू होते हों।” उन्होंने कहा कि यही भारतीय संस्कृति की विशेषता है – जल को जीवन और चेतना का माध्यम मानना।
जनप्रतिनिधि और श्रद्धालु भी हुए शामिल
कांवड़ यात्रा में बड़ी संख्या में श्रद्धालु, संतगण और जनप्रतिनिधि उपस्थित रहे। विधायक अनिल जैन कालूहेड़ा, सतीश मालवीय, नगर निगम सभापति कलावती यादव, संजय अग्रवाल, पूर्व विधायक राजेंद्र भारती, तपन भौमिक और कई सामाजिक-धार्मिक संगठनों के प्रतिनिधि शामिल हुए।
