उज्जैन के चिमनगंज मंडी गेट चौराहे पर रविवार रात हुए विवाद ने सोमवार को तूल पकड़ लिया। मध्यप्रदेश विद्युत मंडल (MPEB) के कर्मचारियों ने टॉवर चौक पर जमकर प्रदर्शन किया और पुलिस के खिलाफ नारेबाजी की। मामला दरअसल अधीक्षण यंत्री (एसई) डी.वी. सिंह चौहान और पुलिसकर्मियों के बीच हुई कहासुनी और मारपीट से जुड़ा है। रविवार रात चौहान तराना से उज्जैन लौट रहे थे। रास्ते में चिमनगंज मंडी गेट के पास पुलिस चेकिंग चल रही थी। पुलिस ने उन्हें रोका तो मामूली बात बिगड़ गई। चौहान का आरोप है कि उन्होंने अपना परिचय देने के बावजूद पुलिस ने दुर्व्यवहार किया, धक्का-मुक्की की और उन्हें थाने ले जाकर करीब छह घंटे तक बैठाए रखा।
वहीं, पुलिस का पक्ष कुछ और है। उनका कहना है कि चेकिंग के दौरान चौहान ने जवान हरिचरण तंवर के साथ गाली-गलौज और धक्का-मुक्की की। झूमाझटकी में टीआई की वर्दी फट गई, जिसके बाद हरिचरण की शिकायत पर एफआईआर दर्ज की गई।
कर्मचारियों का फूटा गुस्सा
एफआईआर की खबर फैलते ही सोमवार को एमपीईबी के सैकड़ों कर्मचारी टॉवर चौक पर उतर आए। उन्होंने ट्रैफिक रोककर प्रदर्शन किया और पुलिस के खिलाफ नारे लगाए। कर्मचारियों ने कहा, “हमारे अधिकारी के साथ बदसलूकी की गई, अब पुलिसवालों पर केस होना चाहिए। अगर हमारी मांगें नहीं मानी गईं तो हम काम बंद आंदोलन करेंगे।”
मध्यप्रदेश अधिकारी-कर्मचारी संयुक्त मोर्चा के अध्यक्ष सी.के. वैष्णव ने कहा कि एक जिम्मेदार अधिकारी को ड्यूटी से लौटते वक्त इस तरह से थाने में बैठाना और एफआईआर करना गलत है। जब तक एफआईआर रद्द नहीं होती और दोषी पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई नहीं होती, तब तक विरोध जारी रहेगा।
पुलिस बनाम विभाग
मामला दोनों तरफ से आरोप-प्रत्यारोप में फंसा हुआ है। पुलिस कहती है कि चौहान ने दुर्व्यवहार किया, जबकि विभाग के कर्मचारी इसे पुलिस की मनमानी बता रहे हैं। शहर में चर्चा है कि दोनों पक्षों की जिद से मामला और उलझ गया है। अब निगाहें प्रशासन पर हैं कि क्या वह इस विवाद को शांत कर पाता है या नहीं। प्रदर्शन के दौरान कर्मचारियों ने साफ कहा कि अगर कार्रवाई नहीं हुई तो वे मुख्यमंत्री से मिलकर मामला उठाएंगे।
एक कर्मचारी ने गुस्से में कहा, “हम रोज जनता की बिजली संभालते हैं, दिन-रात ड्यूटी करते हैं। अगर हमारे अफसर को ही यूं थाने में बैठा देंगे तो बाकी कर्मचारी कैसे सुरक्षित महसूस करेंगे?”
