उज्जैन | MP के उज्जैन के पवित्र महाकाल मंदिर में इन दिनों आस्था की जगह राजनीति और गुस्से की गूंज सुनाई दे रही है। श्रावण के दूसरे सोमवार को हुए एक घटनाक्रम ने प्रदेश की सियासत को गर्मा दिया है। कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने मंदिर के प्रशासक कार्यालय के बाहर जमकर प्रदर्शन किया और भाजपा विधायक गोलू शुक्ला के बेटे रुद्राक्ष की गिरफ्तारी की मांग की। कार्यकर्ताओं का कहना है कि रुद्राक्ष ने मंदिर के नियमों को तोड़ते हुए जबरन गर्भगृह में प्रवेश किया, जिसे वे “कुकर्म” मानते हैं।
कांग्रेस ने साफ आरोप लगाया कि महाकाल का मंदिर अब ‘बीजेपी के बाप का घर’ बन गया है, जहां आम श्रद्धालु के लिए रोक है, मगर मंत्रियों और उनके परिवार वालों के लिए नियम शिथिल हो जाते हैं।
प्रदर्शन में कांग्रेस की खुली नाराजगी
प्रदर्शन के दौरान कांग्रेस कार्यकर्ता मंदिर प्रशासन और जिला प्रशासन पर जमकर बरसे। उनका कहना है कि आम श्रद्धालु तो गर्भगृह के पास जाने की सोच भी नहीं सकता, लेकिन भाजपा नेताओं के परिजन बेधड़क भीतर जाते हैं। एक महिला कार्यकर्ता ने कहा, “जब हमें देहली तक नहीं जाने दिया गया, तब धरना देना पड़ा। लेकिन रुद्राक्ष शुक्ला के लिए सारे दरवाजे खुले हैं, क्योंकि वह विधायक का बेटा है।”
कांग्रेस की पूर्व पार्षद माया त्रिवेदी ने भी तीखी प्रतिक्रिया दी और याद दिलाया कि दो साल पहले उन्हें सिर्फ गर्भगृह की देहली तक पहुंचने पर एफआईआर का सामना करना पड़ा था। उन्होंने पूछा, “क्या अब मंदिर में दर्शन करना भी पार्टी पहचान पत्र से होगा?”
दोहराया गया पुराना विवाद
ये पहला मौका नहीं है जब विधायक पुत्र रुद्राक्ष शुक्ला विवादों में आए हों। कुछ ही महीने पहले देवास की मां टेकरी मंदिर में उन्होंने रात 12:30 बजे जबरन मंदिर खुलवाया था और पुजारी से धक्का-मुक्की की थी। उस समय देवास प्रशासन ने तत्काल एफआईआर दर्ज की थी, लेकिन इस बार उज्जैन प्रशासन की चुप्पी कांग्रेस को खटक रही है।
नगर निगम नेता प्रतिपक्ष रवि राय ने कहा, “अगर आम नागरिक गर्भगृह में घुसे तो जेल, लेकिन विधायक का बेटा घुसे तो प्रसाद?” उन्होंने मांग की कि मामले की जांच निष्पक्ष समिति से कराई जाए, न कि खानापूर्ति के लिए गठित समिति से जिसका कोई नतीजा न निकले।
लाइव प्रसारण बंद
घटना के समय एक और दिलचस्प बात यह हुई कि महाकाल मंदिर की भस्म आरती का यूट्यूब पर लाइव प्रसारण करीब एक मिनट के लिए बंद रहा। अनुमान है कि यही वह क्षण था जब वीआईपी प्रवेश कराया गया। इससे भी लोगों में नाराजगी है कि आस्था का सीधा प्रसारण भी अब ‘फिल्टर’ हो गया है।
मांग पत्र सौंपा गया
करीब एक घंटे चले प्रदर्शन के बाद कांग्रेस प्रतिनिधिमंडल ने तहसीलदार रूपाली जैन को ज्ञापन सौंपा। इसमें मंदिर प्रशासक के इस्तीफे, रुद्राक्ष की गिरफ्तारी और निष्पक्ष जांच की मांग की गई।
