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महाकाल मंदिर क्षेत्र की तकिया मस्जिद पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला, प्रशासन के पक्ष में फैसला; अब फिर शुरू होगा रुका काम

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Published On: 7 November 2025

उज्जैन में महाकाल मंदिर विस्तार योजना को लेकर चल रहा विवाद एक बार फिर सुर्खियों में है। करीब 10 महीने पहले जिस तकिया मस्जिद को प्रशासन ने तोड़ दिया था, उस पर दायर याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने भी खारिज कर दिया है। अब प्रशासन के पक्ष में फैसला आने के बाद महाकाल क्षेत्र में रुके हुए निर्माण कार्य दोबारा शुरू होने की उम्मीद है। यह मामला जनवरी 2025 का है। उज्जैन जिला प्रशासन ने 11 जनवरी को महाकाल मंदिर के शक्ति पथ और पार्किंग क्षेत्र के आसपास का अतिक्रमण हटाने की बड़ी कार्रवाई की थी। इस दौरान करीब 257 मकान और तकिया मस्जिद को भी तोड़ दिया गया था। प्रशासन का कहना था कि यह सभी निर्माण अवैध थे, जबकि मुस्लिम पक्ष का दावा था कि मस्जिद करीब 200 साल पुरानी है और वक्फ की संपत्ति पर बनी थी।

मस्जिद को गिराने के बाद से ही मामला अदालत में पहुंच गया था। मस्जिद में नमाज पढ़ने वाले 13 लोगों ने प्रशासन की कार्रवाई को चुनौती देते हुए कहा था कि यह धार्मिक स्थल है, जिसे बिना कानूनी प्रक्रिया के गिराया गया।

हाईकोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक चली लड़ाई

मामले की शुरुआत इंदौर हाईकोर्ट से हुई। पहले सिंगल बेंच में याचिका दायर की गई, जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया। इसके बाद याचिकाकर्ताओं ने डबल बेंच में अपील की, लेकिन वहां भी राहत नहीं मिली। कोर्ट ने साफ कहा कि प्रशासन ने जो कार्रवाई की है, वह कानूनी प्रक्रिया के तहत की गई है। इसके बाद याचिकाकर्ताओं ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। उनका कहना था कि राज्य सरकार ने वक्फ की जमीन को जबरन अधिग्रहित किया और विध्वंस से पहले जरूरी नोटिस व कानूनी प्रक्रिया का पालन नहीं किया गया।

मस्जिद निर्माण की अपील खारिज

शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में सुनवाई पूरी करते हुए याचिकाकर्ताओं की अपील को खारिज कर दिया। अदालत ने कहा कि अब इस मामले में दो बार हाईकोर्ट का फैसला आ चुका है और प्रशासन की कार्रवाई को वैध माना गया है। इसलिए मस्जिद को दोबारा बनाने की अपील पर विचार नहीं किया जा सकता। याचिकाकर्ता पक्ष के वकील सैयद अशहर अली वारसी ने बताया कि “अभी हमें बस यही जानकारी मिली है कि सुप्रीम कोर्ट ने हमारी अपील खारिज कर दी है। विस्तृत आदेश जल्द मिलेगा।”

फिर तेज होंगे विकास कार्य

सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद अब प्रशासन को राहत मिली है। तकिया मस्जिद को लेकर चल रहे विवाद के कारण इस इलाके में विकास कार्य कई महीनों से रुके हुए थे। अब उम्मीद है कि महाकाल मंदिर क्षेत्र में शक्ति पथ और पार्किंग एरिया का काम फिर से शुरू किया जाएगा। प्रशासनिक अधिकारियों का कहना है कि यह फैसला मंदिर विस्तार योजना को गति देगा और आने वाले समय में महाकाल क्षेत्र को और व्यवस्थित तरीके से विकसित किया जा सकेगा।

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