उज्जैन में नवरात्र के दौरान गरबा पंडाल और माता के दरबार ने शहरवासियों को मोहित कर दिया है। सांसद अनिल फिरोजिया के गरबा पंडाल को इस साल सबसे महंगा और भव्य माना जा रहा है। आयोजन समिति के अनुसार पंडाल में सजावट, एलईडी लाइट, आकर्षक डेकोरेशन और मंच के लिए करीब 40 से 50 लाख रुपए खर्च किए गए हैं। उज्जैन आगरा रोड स्थित सामाजिक न्याय परिसर में सांसद अपने पिता की स्मृति में यह बीएफएफ गरबा पंडाल करवा रहे हैं।
विशेष गुफा
पंडाल में डांडिया खेलने की व्यवस्था भी की गई है। 50 हजार स्क्वायर फीट क्षेत्र में बने पंडाल में वैष्णोदेवी की तर्ज पर करीब 300 फीट लंबी गुफा बनाई गई है। इस गुफा में वैष्णो माता के साथ नवदुर्गा और आठ अन्य माता प्रतिमाएं स्थापित की गई हैं। जबलपुर से आए कलाकारों ने 15 दिन की मेहनत से इसे तैयार किया। बीएफएफ फाउंडेशन ने इसे भगवान शिव, राम और नौ देवियों की आकर्षक प्रतिमाओं के साथ सजाया है, ताकि वे लोग भी माता के दर्शन का अनुभव ले सकें जो वैष्णो देवी नहीं जा पाते।
सुरक्षा और सुविधाएं
पंडाल में आने वाली युवतियों की सुरक्षा के लिए 40 बाउंसर और अन्य महिला सुरक्षाकर्मी तैनात हैं। साथ ही सफाईकर्मियों का भी विशेष इंतजाम किया गया है। आगंतुकों के लिए अलग-अलग जोन बनाए गए हैं, जहां परिवार और युवतियां सुरक्षित रहकर गरबा का आनंद ले सकते हैं।
रोजाना दर्शन
पंडाल में रोजाना माता की आराधना और गरबा का आयोजन किया जा रहा है, जिसमें गुजराती गीत प्रमुख रूप से शामिल हैं। हर दिन करीब 20 हजार से अधिक लोग माता के दर्शन और गरबा में शामिल हो रहे हैं। इसके अलावा पंडाल में फलहारी खिचड़ी और एनर्जी ड्रिंक भी नि:शुल्क वितरित की जा रही हैं, ताकि भक्त और आगंतुक बिना किसी परेशानी के कार्यक्रम का आनंद ले सकें।
धार्मिक महत्व
बीएफएफ फाउंडेशन के इस आयोजन का उद्देश्य सिर्फ मनोरंजन नहीं बल्कि श्रद्धालुओं को माता के दर्शन का अनुभव देना है। महंगे पंडाल, आकर्षक सजावट और सुरक्षा के पूर्ण इंतजाम ने इसे नवरात्र के उत्सव में एक अलग पहचान दिलाई है। इस वर्ष उज्जैन का यह गरबा पंडाल शहरवासियों और आसपास के क्षेत्रों के लिए एक मुख्य आकर्षण बन चुका है।
