Air India की फ्लाइट AI117 में शनिवार को लैंडिंग से ठीक पहले तकनीकी गड़बड़ी सामने आई। विमान की रैम एयर टरबाइन (RAT), जो आपातकालीन ऊर्जा देने के लिए होती है, अपने आप सक्रिय हो गई। हालांकि, विमान ने सुरक्षित लैंडिंग की और सभी यात्री सुरक्षित रहे।
कहां हुई घटना?
यह घटना तब हुई जब विमान बर्मिंघम हवाई अड्डे के करीब सिर्फ 400 फीट ऊपर था। फ्लाइट AI117 अमृतसर से दोपहर 12.52 बजे बर्मिंघम के लिए रवाना हुई थी और शाम 7.07 बजे सुरक्षित लैंड की। लैंडिंग से कुछ सेकेंड पहले पायलट ने देखा कि RAT अपने आप खुल गई।
RAT कैसे काम करती है?
RAT तब सक्रिय होती है जब विमान के मुख्य सिस्टम में गंभीर खराबी होती है, जैसे कि बिजली सप्लाई पूरी तरह बंद हो जाना या हाइड्रॉलिक सिस्टम फेल हो जाना। RAT विमान को आपातकालीन ऊर्जा प्रदान करती है जिससे पायलट विमान को कंट्रोल कर सके और सुरक्षित लैंडिंग कर सके।
जांच में पाया गया कि इस दौरान विमान के सभी इलेक्ट्रिकल और हाइड्रॉलिक सिस्टम सामान्य थे। विशेषज्ञ इसे ‘सिस्टम एनोमली’ कह रहे हैं। इसका मतलब है कि सेंसर ने गलत संकेत भेजा और RAT सक्रिय हो गई, जबकि वास्तव में किसी बड़ी तकनीकी खराबी की स्थिति नहीं थी।
एअर इंडिया का बयान
घटना के बाद एअर इंडिया ने बयान जारी कर कहा, “AI117 की उड़ान के दौरान लैंडिंग से पहले RAT के खुलने का पता चला। सभी सिस्टम सामान्य थे और विमान ने सुरक्षित लैंडिंग की। जांच के लिए विमान को ग्राउंड कर दिया गया है। इसके कारण वापसी की फ्लाइट AI114 को रद्द करना पड़ा। यात्रियों के लिए वैकल्पिक इंतजाम किए जा रहे हैं।”
विशेषज्ञों की राय
सीनियर पायलटों ने बताया कि RAT तब ही खुलती है जब विमान को किसी गंभीर तकनीकी समस्या का खतरा महसूस होता है। जैसे कि दोनों इंजन फेल होना, हाइड्रॉलिक सिस्टम बंद होना या पूरी तरह बिजली की सप्लाई कट जाना। इस घटना में ऐसा नहीं था। RAT केवल एक चेतावनी प्रणाली के तौर पर खुली और विमान सुरक्षित रहा।
पायलट और एयरलाइन अधिकारियों ने बताया कि यह घटना यात्रियों के लिए खतरनाक नहीं थी। विमान पूरी तरह नियंत्रित रहा और सभी यात्री सुरक्षित लैंडिंग के बाद हवाई अड्डे पर उतरे।
अगला कदम
विमान को अभी जांच के लिए ग्राउंड किया गया है। तकनीकी टीम RAT के सिस्टम और सेंसर की पूरी जाँच करेगी। एयरलाइन ने यात्रियों से कहा है कि वे चिंता न करें और उन्हें वैकल्पिक व्यवस्था प्रदान की जा रही है। इस घटना ने यह साबित कर दिया कि एयरलाइन और पायलट सिस्टम की सुरक्षा और आपातकालीन प्रोटोकॉल के प्रति पूरी तरह सतर्क रहते हैं।