नई दिल्ली | UP सरकार ने ट्रैफिक नियमों की अनदेखी पर सख्त रुख अपनाते हुए बड़े स्तर पर अभियान शुरू किया है। जानकारी के अनुसार, प्रदेश में 5000 करोड़ रुपये से अधिक के बकाया चालानों की वसूली के लिए विशेष कार्रवाई की जा रही है। इस अभियान के तहत अब तक 3 लाख से ज्यादा वाहनों को ब्लैकलिस्ट किया जा चुका है, जबकि लगभग 60 हजार ड्राइविंग लाइसेंस रद्द करने की प्रक्रिया जारी है। बार-बार नियम तोड़ने वाले और चालान जमा न करने वाले वाहन मालिकों के खिलाफ अब सख्त कानूनी कार्रवाई की जा रही है।
उत्तर प्रदेश में ट्रैफिक नियमों की अनदेखी अब किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं की जाएगी। राज्य सरकार ने 5000 करोड़ रुपये से अधिक के बकाया चालानों की वसूली के लिए विशेष अभियान की शुरुआत की है।
नियम तोड़ने वालों पर कार्रवाई
ट्रैफिक और परिवहन विभाग की जांच में पता चला है कि पूरे प्रदेश में 3,01,410 गाड़ियों और 58,893 ड्राइविंग लाइसेंस धारकों ने ट्रैफिक नियमों की बार-बार अनदेखी की है, जिनपर चालान बकाया है। इस गंभीर स्थिति को देखते हुए अब तक 1006 ड्राइविंग लाइसेंस रद्द किए गए हैं और 3,964 गाड़ियों के रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट (RC) को निलंबित या रद्द कर दिया गया है। यह कार्रवाई अभी शुरुआत के दौर में है और आगे इसे और तेज किया जाएगा ताकि ट्रैफिक नियमों का सख्ती से पालन सुनिश्चित किया जा सके।
ADG ट्रैफिक का सख्त संदेश
उत्तर प्रदेश में ट्रैफिक नियमों की अनदेखी अब भारी पड़ सकती है। अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (ADG ट्रैफिक) के सत्यनारायण ने सख्त संदेश देते हुए बताया कि प्रदेश में 5000 करोड़ रुपये से अधिक के चालान अब तक बकाया हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि यदि किसी वाहन पर पाँच या उससे अधिक चालान लंबित हैं, तो उसका रजिस्ट्रेशन ब्लैकलिस्ट कर दिया जाएगा और ड्राइविंग लाइसेंस रद्द किया जाएगा। ADG ने कहा कि बहुत से वाहन मालिक यह सोचते हैं कि कोर्ट जाकर चालान माफ करवा लेंगे, लेकिन अब ऐसा नहीं होगा। यह अभियान सड़क सुरक्षा को मजबूत करने के उद्देश्य से चलाया जा रहा है, ताकि दुर्घटनाओं और जानलेवा घटनाओं में कमी लाई जा सके।
चालान बकाया बढ़ा
प्रदेश में चालान बकाया बढ़ने की बड़ी वजह यह है कि वाहन मालिक ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन तो कर रहे हैं, लेकिन चालान की राशि जमा नहीं कर रहे। 2021 में जहां 67 लाख गाड़ियों पर चालान हुआ था और 867 करोड़ रुपये का जुर्माना वसूला गया था, वहीं 2024 तक चालानों की संख्या दोगुनी होकर 1.36 करोड़ तक पहुंच गई, लेकिन वसूली घटकर सिर्फ 105 करोड़ रुपये ही रह गई। यह स्थिति दर्शाती है कि अधिकतर लोग चालान भुगतान से बच रहे हैं और ट्रैफिक नियमों को गंभीरता से नहीं ले रहे हैं, जिससे बकाया राशि तेजी से बढ़ती जा रही है।
सड़क सुरक्षा के लिए बनाई रणनीति
उत्तर प्रदेश सरकार ने सड़क सुरक्षा को लेकर एक विशेष रणनीति लागू की है, जिसका मुख्य उद्देश्य लोगों को ट्रैफिक नियमों का पालन करने के लिए प्रेरित करना और सड़क पर लापरवाही को रोकना है। इस रणनीति के तहत ट्रैफिक पुलिस अब अत्याधुनिक कैमरों और GPS तकनीक का इस्तेमाल कर रही है, जिससे नियमों का उल्लंघन करने वालों की पहचान करना आसान हो गया है। इसके अलावा ई-चालान प्रणाली को और अधिक प्रभावी बनाया जा रहा है, ताकि नियम तोड़ने वालों के खिलाफ तत्काल और सख्त कार्रवाई हो सके तथा चालान से बचना अब संभव न हो।
नियमों का पालन करना अनिवार्य
रैश ड्राइविंग और बार-बार ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन करने वाले ड्राइवरों के खिलाफ अब सख्त कार्रवाई की जाएगी। ऐसे मामलों में संबंधित ड्राइवरों के ड्राइविंग लाइसेंस निरस्त (रद्द) किए जाएंगे। यह कदम उन व्यक्तियों और वाहनों पर नियंत्रण स्थापित करने के लिए उठाया गया है, जो लगातार ट्रैफिक नियमों की अनदेखी कर रहे हैं और सड़क पर अव्यवस्था फैला रहे हैं। परिवहन और ट्रैफिक विभाग का स्पष्ट उद्देश्य सड़क सुरक्षा सुनिश्चित करना, दुर्घटनाओं में कमी लाना और ट्रैफिक नियमों के पालन को अनिवार्य बनाना है। इस अभियान के तहत, नियमों का उल्लंघन करने वालों को किसी भी प्रकार की ढील नहीं दी जाएगी।
