केंद्र सरकार ने कैंसर मरीजों के लिए एक बड़ा कदम उठाते हुए जीन थेरेपी क्षेत्र में अग्रणी कंपनी इम्यूनोएक्ट को फंडिंग दी है। इसका उद्देश्य जीन वितरण प्रणाली को मजबूत करना है, ताकि कैंसर का इलाज सस्ता और सुलभ हो सके। चिमेरिक एंटीजन रिसेप्टर टी-सेल (सीएआर-टी) थेरेपी मरीज की अपनी प्रतिरक्षा प्रणाली का उपयोग कर कुछ प्रकार के कैंसर से लड़ती है और इसे विश्व स्तर पर किए गए क्लीनिकल ट्रायल्स में खासतौर पर एक्यूट लिम्फोसाइटिक ल्यूकेमिया के मरीजों में सकारात्मक परिणाम मिल चुके हैं। IIT बॉम्बे की स्पिन-ऑफ कंपनी इम्यूनोएक्ट ने इसी थेरेपी पर आधारित दुनिया की पहली मानवीकृत सीएआर-टी थेरेपी ‘नेक्सकार19’ को भी बाजार में उतारा है।
केंद्र सरकार ने कैंसर के इलाज को सस्ता और सुलभ बनाने के लिए आईआईटी बॉम्बे की स्पिन-ऑफ कंपनी इम्यूनोएक्ट को फंड देने की घोषणा की है। यह कंपनी भारत की पहली मानवीकृत सीएआर-टी थेरेपी नेक्सकार19 विकसित कर चुकी है। सरकार का उद्देश्य जीन थेरेपी के उत्पादन और वितरण को मजबूत करना है, ताकि कैंसर का इलाज अधिक लोगों तक आसानी से पहुँच सके।
पहली CAR-T थेरेपी
आईआईटी बॉम्बे की स्पिन-ऑफ कंपनी इम्यूनोएक्ट ने दुनिया की पहली मानवीकृत सीएआर-टी थेरेपी ‘नेक्सकार19’ विकसित की है, जो विशेष रूप से एक्यूट लिम्फोसाइटिक ल्यूकेमिया के अंतिम चरण के मरीजों में आशाजनक परिणाम दिखा चुकी है। आधिकारिक बयान में बताया गया कि बायोई3 नीति के तहत जैव प्रौद्योगिकी विभाग ने उत्पादन बढ़ाने और इस नई चिकित्सीय पद्धति को अधिक किफायती बनाने के लिए इम्यूनोएक्ट को वित्त पोषण प्रदान किया है। इसके अंतर्गत 200 लीटर क्षमता वाला जीएमपी लेंटिवायरल वेक्टर और प्लास्मिड प्लेटफॉर्म स्थापित किया जाएगा, जिसमें उन्नत बायोरिएक्टर तकनीकें शामिल होंगी, ताकि उच्च घनत्व वाली कोशिका वृद्धि और लगातार उत्पादन संभव हो, जिससे लेंटिवायरल वेक्टर की पैदावार और प्रदर्शन बेहतर हो सके।
मिली बड़ी सफलता
भारत ने चिकित्सा और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में महत्वपूर्ण उन्नति की है। जीएमपी ग्रेड जीन डिलीवरी वेक्टर अब प्रति वर्ष कम से कम 1,000 मरीजों को कोशिका और जीन थेरेपी की सुविधा प्रदान कर सकता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उभरते विज्ञान, प्रौद्योगिकी और नवाचार कॉन्क्लेव (ईएसटीआईसी) में भारत के तीन प्रमुख नवाचारों क्यूएसआईपी क्वांटम सुरक्षा चिप, 25-क्यूबिट क्यूपीयू (भारत की पहली क्वांटम कंप्यूटिंग चिप) और सीएआर-टी सेल थेरेपी का जिक्र किया। बयान में यह भी बताया गया कि भारत की पहली जीवित दवा ‘नेक्सकार19’ ने वैज्ञानिक कठोरता या मरीज सुरक्षा से समझौता किए बिना जीन थेरेपी को सस्ता और सुलभ बनाया है।
