छठ पूजा का महापर्व पूरे श्रद्धा और भक्ति के साथ मनाया जा रहा है। सूर्य उपासना के महापर्व छठ पूजा का आज विधिवत समापन हो गया है। तड़के से ही श्रद्धालु उगते सूर्य को ‘उषा अर्घ्य’ अर्पित करने के लिए देशभर के नदियों, तालाबों और घाटों पर जुट गए। बिहार सहित पूरे देश में यह पर्व अत्यंत श्रद्धा और उत्साह के साथ मनाया गया। चार दिनों तक चलने वाले इस पर्व के दौरान लोगों ने नियम, व्रत और उपवास का पालन करते हुए सूर्य देव और छठी मैया से परिवार की सुख-समृद्धि की कामना की। श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए स्थानीय प्रशासन की ओर से घाटों पर विशेष सफाई, रोशनी और सुरक्षा व्यवस्था की गई थी।
छठ पूजा का महापर्व का आज समापन हो चूका है। आज श्रद्धालु उगते सूर्य को अर्घ्य देकर इस पर्व का समापन किया। छठ पूजा में छठी मैया और सूर्य देव की विशेष पूजा का विधान है और सूर्य को अर्घ्य देना इसका सबसे अहम हिस्सा माना जाता है।
छठ पर्व का समापन
सूर्य उपासना के महापर्व छठ पूजा का आज विधिवत समापन हो गया। तड़के से ही श्रद्धालु उगते सूर्य को ‘उषा अर्घ्य’ अर्पित करने के लिए देशभर के नदियों, तालाबों और घाटों पर जुट गए। बिहार सहित पूरे देश में यह पर्व अत्यंत श्रद्धा और उत्साह के साथ मनाया गया। चार दिनों तक चलने वाले इस पर्व के दौरान लोगों ने नियम, व्रत और उपवास का पालन करते हुए सूर्य देव और छठी मैया से परिवार की सुख-समृद्धि की कामना की। श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए स्थानीय प्रशासन की ओर से घाटों पर विशेष सफाई, रोशनी और सुरक्षा व्यवस्था की गई थी।
भगवान सूर्यदेव को प्रात:कालीन अर्घ्य के साथ आज महापर्व छठ का शुभ समापन हुआ। चार दिवसीय इस अनुष्ठान के दौरान छठ पूजा की हमारी भव्य परंपरा के दिव्य दर्शन हुए। समस्त व्रतियों और श्रद्धालुओं सहित पावन पर्व का हिस्सा बने अपने सभी परिवारजनों का हृदय से अभिनंदन! छठी मइया की असीम कृपा से…
— Narendra Modi (@narendramodi) October 28, 2025
PM मोदी ने दी शुभकामनाएं
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज चार दिवसीय छठ पर्व के समापन पर देशवासियों और श्रद्धालुओं को हार्दिक शुभकामनाएं दीं। उन्होंने कहा कि इस पर्व में देश की भव्य परंपरा की दिव्य झलक देखने को मिली। प्रधानमंत्री ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर पोस्ट करते हुए लिखा, “भगवान सूर्यदेव को प्रात:कालीन अर्घ्य के साथ आज महापर्व छठ का शुभ समापन हुआ। चार दिवसीय इस अनुष्ठान के दौरान छठ पूजा की हमारी भव्य परंपरा के दिव्य दर्शन हुए।” उन्होंने सभी व्रतियों, श्रद्धालुओं और पर्व का हिस्सा बने परिवारजनों को बधाई दी और कामना की कि छठी मैया की असीम कृपा से सभी का जीवन सदैव आलोकित रहे। उत्सव की शुरुआत से पहले प्रधानमंत्री ने लोगों से छठ पूजा के गीत साझा करने और उन्हें व्यापक रूप से प्रचारित करने का आग्रह किया था।
कठिन व्रतों में से एक है छठ पर्व
छठ पर्व कठिन व्रतों में से एक माना जाता है। यह पर्व हर साल कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी से शुरू होकर सप्तमी तिथि तक चलता है। चार दिनों तक चलने वाले इस पर्व की शुरुआत ‘नहाय-खाय’ से होती है, दूसरे दिन ‘खरना’ का व्रत रखा जाता है, तीसरे दिन डूबते सूर्य को ‘संध्या अर्घ्य’ दिया जाता है और चौथे दिन उगते सूर्य को ‘उषा अर्घ्य’ अर्पित कर व्रत का समापन किया जाता है। 28 अक्टूबर को छठ पर्व का आखिरी दिन मनाया गया, जब व्रती सुबह पवित्र नदी या तालाब में खड़े होकर सूर्यदेव को अर्घ्य अर्पित करते हैं। इसके साथ ही लोक आस्था का यह महापर्व श्रद्धा और भक्ति के साथ संपन्न होता है।
उगते हुए सूर्य को अर्घ्य देने की विधि
- छठ पर्व का चौथा दिन उषा काल के अर्घ्य के रूप में मनाया जाता है।
- इस दिन व्रती प्रातःकाल उगते हुए सूर्य को अर्घ्य अर्पित करते हैं।
- व्रती स्वच्छ वस्त्र धारण कर पूजा की थाली में दूध, गंगाजल, हल्दी, सुपारी, अक्षत और दीपक रखते हैं।
- इसके बाद वे नदी या किसी जल स्रोत में कमर तक पानी में खड़े होकर सूर्य देव को अर्घ्य देते हैं।
- अर्घ्य अर्पण के पश्चात परिवार के सुख, समृद्धि और अच्छे स्वास्थ्य की कामना की जाती है।
- पूजा संपन्न होने के बाद व्रती प्रसाद ग्रहण कर अपने व्रत का समापन करते हैं।
