दिल्ली-एनसीआर में दिवाली के बाद से वायु गुणवत्ता लगातार बेहद खराब हो गयी है। प्रदूषण के कारण लोगों का सांस लेना मुश्किल हो गया है और वातावरण में धुंध की परत छाई हुई है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) की रिपोर्ट के अनुसार, राजधानी की हवा “बेहद खराब” श्रेणी में दर्ज की गई है। विशेषज्ञों का कहना है कि मौसम की स्थिति और पराली जलाने के मामलों के चलते अगले तीन दिनों यानी 22 से 24 अक्टूबर तक वायु गुणवत्ता में सुधार की कोई संभावना नहीं है। ऐसे में लोगों को बाहर निकलते समय मास्क पहनने और जरूरत न होने पर बाहरी गतिविधियों से बचने की सलाह दी गई है।
दिवाली के बाद राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली और एनसीआर क्षेत्र की वायु गुणवत्ता में कोई सुधार नहीं हुआ है। हवा लगातार “बेहद खराब” श्रेणी में बनी हुई है, जिससे लोगों को सांस लेने में परेशानी हो रही है।
हवा फिर हुई जहरीली
दिल्ली में वायु प्रदूषण की स्थिति बेहद चिंताजनक बनी हुई है। राजधानी के अधिकांश इलाकों में वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 300 से ऊपर दर्ज किया गया है, जो “बेहद खराब” श्रेणी में आता है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अनुसार, दिल्ली के कई प्रमुख क्षेत्रों में AQI 300 से 400 के बीच बना हुआ है, जबकि कुछ स्थानों पर यह 400 के पार पहुंच गया है, जो “गंभीर” श्रेणी का स्तर है। विशेषज्ञों का कहना है कि यह स्थिति फेफड़ों और श्वसन तंत्र के लिए अत्यंत हानिकारक है और विशेष रूप से बच्चों, बुजुर्गों तथा अस्थमा या हृदय रोग से पीड़ित लोगों के लिए खतरनाक साबित हो सकती है।
सांस लेना हुआ मुश्किल
दिल्ली-एनसीआर में वायु गुणवत्ता बेहद खराब स्तर पर बनी हुई है, जिससे वह के लोगों का सांस लेना मुश्किल हो चूका है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) ने लोगों से अपील की है कि वे प्रदूषण से बचाव के लिए एहतियाती कदम अपनाएं और विशेष रूप से सुबह के समय खुली हवा में निकलने से परहेज करें, क्योंकि इस दौरान प्रदूषण का स्तर अधिक रहता है।
आदेश के बावजूद फूटे पटाखे
दिवाली के बाद दिल्ली की हवा एक बार फिर जहरीली हो गई है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बावजूद लोगों ने जमकर पटाखे फोड़े, जबकि अदालत ने सिर्फ ग्रीन पटाखों की अनुमति दी थी। रातभर चली आतिशबाजी ने राजधानी की वायु गुणवत्ता को बेहद खराब स्तर पर पहुंचा दिया। बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए अब दिल्ली में ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान (GRAP) का दूसरा चरण लागू कर दिया गया है, जिसके तहत निर्माण कार्यों पर रोक और वाहनों पर सख्त नियंत्रण जैसे कदम उठाए जाएंगे।
