नई दिल्ली | अमरनाथ यात्रा आज से शुरू हो चुकी है। इस यात्रा से लाखों श्रद्धालुओं को सालों का इंतज़ार रहता है, बहुत से श्रद्धालु यहाँ हर साल जाना प्रसंद करते है। लोग यहां बाबा बर्फानी के दर्शन करने के लिए दूर-दूर से आते हैं। इस साल यात्रा 3 जुलाई यानी आज से शुरू हुई और सभी यात्री इसे लेकर बहुत खुश हैं। बहुत से लोग अमरनाथ की यात्रा को सावन में करना शुभ मानते है, लकिन अभी जाना सही होता है, क्योकि सावन माह में बहुत भीड़ होती है। भीड़ में भगदड़ की बहुत संभावना होती है। श्रद्धालु अभी जायेंगे तो अछे से दर्शन हो जायेंगे।
इस अमरनाथ यात्रा में शामिल होने के लिए देश के कई हिस्से लोग आए हैं। अमरनाथ जी के दर्शन के लिए श्रद्धालुओं में काफी उत्साह है. इस साल 38 दिनों तक चलने वाली अमरनाथ यात्रा का समापन 9 अगस्त शनिवार को सावन पूर्णिमा के दिन होगा।
जरूरी नियम कानून
अमरनाथ यात्रा पर जाने से पहले यात्रियों को कुछ महत्वपूर्ण नियम, कानून और सावधानियों की जानकारी होनी चाहिए, ताकि यात्रा सुरक्षित और शुभ बनी रहे।
पंजीकरण
पंजीकरण करना अनिवार्य है, बिना रजिस्ट्रेशन कोई भी यात्री यात्रा नहीं कर सकता। पंजीकरण ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों माध्यमों से होता है। रजिस्ट्रेशन के लिए अधिकृत बैंक (जैसे PNB, SBI, J&K Bank) या वेबसाइट से फॉर्म भरें।
स्वास्थ्य प्रमाणपत्र
स्वास्थ्य प्रमाणपत्र भी अनिवार्य है, ताकि पता लगा सके की कितने उम्र के लोग यात्रा कर रहे है। 13 साल से कम और 75 साल से अधिक आयु के लोग यात्रा नहीं कर सकते। गर्भवती महिलाओं की यात्रा की अनुमति नहीं है। यात्रियों को किसी मान्यता प्राप्त डॉक्टर या अस्पताल से हेल्थ सर्टिफिकेट लेना जरूरी है।
आस्था और अध्यात्म की धरोहर, तपस्या और सनातन संस्कृति की अद्वितीय झलक श्री अमरनाथ यात्रा आज से प्रारंभ हो रही है।
बाबा बर्फानी के दर्शन हेतु संकल्पबद्ध होकर इस पवित्र मार्ग पर अग्रसर हो रहे सभी भक्तों को हार्दिक शुभकामनाएं। यह यात्रा न केवल भक्ति की परीक्षा है, बल्कि आत्मा के… pic.twitter.com/6UybcRCrI6
— Pushkar Singh Dhami (@pushkardhami) July 3, 2025
बिना परमिट यात्रा वर्जित
हर यात्री को यात्रा का यात्रा परमिट मिलता है, जिसमें यात्रा तिथि और रूट होता है। यह परमिट हर दिन सीमित संख्या में जारी होते हैं। एक दिन में प्रत्येक रूट पर केवल 7,500 यात्रियों को अनुमति दी जाती है। अमरनाथ यात्रा में दो प्रमुख रूट है
- पहलगाम रूट (36 KM)- पारंपरिक, लेकिन लंबा।
- बालटाल रूट (14 KM)- छोटा, लेकिन कठिन और ऊंचा।
यात्रियों को ऊनी कपड़े, रेनकोट, मजबूत जूते, दस्ताने, टोपी और दवाइयों को साथ में लेकर चलना होगा। यात्रा के समय सादे और गर्म कपड़े पहनें। पॉलीथिन, प्लास्टिक का उपयोग नही करना है। कुछ हल्का फुल्का खाने के लिए लेना है। हर दिन की यात्रा सुबह 6 बजे से शाम 4 बजे तक ही होगी। इसके बाद, रास्ते बंद कर दिए जाते हैं, इसलिए आपको समय का खास ध्यान रखना होगा। देरी करने पर आगे बढ़ने की अनुमति नहीं मिलेगी।
इस वर्ष सुरक्षा व्यवस्था पहले से कहीं अधिक कड़ी की गई है। जम्मू-कश्मीर पुलिस और अर्धसैनिक बलों ने मिलकर करीब 600 अतिरिक्त कंपनियां तैनात की हैं, जो अमरनाथ यात्रा की सुरक्षा के इतिहास में अब तक की सबसे बड़ी तैनाती मानी जा रही है। यह कदम हाल ही में पहलगाम क्षेत्र में हुए आतंकी हमले के मद्देनज़र उठाया गया है।
