देश के लगभग 1 करोड़ 18 लाख केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के लिए आने वाला सप्ताह बेहद महत्वपूर्ण हो सकता है, क्योंकि केंद्र सरकार अगले हफ्ते 8वां वेतन आयोग (8th Pay Commission) के गठन की आधिकारिक घोषणा कर सकती है। यह कदम ऐसे समय उठाया जा रहा है जब बिहार विधानसभा चुनाव नजदीक हैं और कैबिनेट की मंजूरी को लगभग दस महीने बीत चुके हैं। सूत्रों के अनुसार, सरकार ने आयोग के कार्यक्षेत्र (Terms of Reference) तय कर लिए हैं और इसके अध्यक्ष व सदस्यों के नामों पर भी मुहर लग चुकी है।
देश के लगभग 1 करोड़ 18 लाख केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के लिए अगले सप्ताह काफी अहम होने वाला है, क्योंकि सरकार 8वें वेतन आयोग (8th Pay Commission) के गठन की आधिकारिक घोषणा कर सकती है। यह कदम कर्मचारियों के वेतन और भत्तों उम्मीदें जगाता है।
8वीं वेतन की तैयारी
केंद्र सरकार ने 8वें वेतन आयोग के गठन की तैयारी शुरू कर दी है, जो केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के लिए नए वेतनमान, पेंशन संरचना, भत्ते और अन्य सुविधाओं की सिफारिशें तैयार करेगा। यह आयोग आम तौर पर हर दस साल में बनाया जाता है ताकि महंगाई और आर्थिक स्थिति के अनुसार वेतन ढांचा अपडेट किया जा सके। इस बार सरकार ने आयोग के गठन से पहले राज्य सरकारों, सार्वजनिक उपक्रमों और अन्य हितधारकों से सुझाव भी मांगे हैं, ताकि सिफारिशें वास्तविक परिस्थितियों के अनुरूप हों।
सरकारी कर्मचारियों को मिलेगा फायदा
सरकारी कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के लिए वेतन आयोग की सिफारिशें लागू होने के बाद उनके वेतन और पेंशन में बढ़ोतरी होती है, जिससे घरेलू खर्च और मांग में तेजी आती है। हालांकि, इससे केंद्र और राज्य सरकारों तथा सार्वजनिक उपक्रमों पर वित्तीय दबाव भी बढ़ जाता है। जबकि ये सिफारिशें बाध्यकारी नहीं होतीं, परंपरागत रूप से केंद्र सरकार इन्हें कुछ बदलावों के साथ लागू करती आई है। हालांकि, रिपोर्ट लागू होने के बाद इसके प्रभाव 1 जनवरी 2026 से लागू माने जाएंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 16 जनवरी 2025 को दिल्ली विधानसभा चुनाव से पहले ही आयोग के गठन को मंजूरी दी थी।
8वें वेतन आयोग का वित्तीय असर
8वें वेतन आयोग की सिफारिशें लागू होने के बाद न सिर्फ केंद्र सरकार बल्कि राज्य सरकारों और विश्वविद्यालयों पर भी आर्थिक असर पड़ेगा। विशेषज्ञों के अनुसार इसका प्रभाव मीडियम-टर्म फिस्कल रोडमैप और 16वें वित्त आयोग की सिफारिशों में शामिल किया जाएगा, जो FY27 से FY31 तक राज्यों को टैक्स शेयरिंग और अनुदान का ढांचा तय करेगा। केंद्रीय कर्मचारी संगठनों का कहना है कि उन्हें महंगाई भत्ता, फिटमेंट फैक्टर और पेंशन में सुधार की उम्मीद है, जिससे कर्मचारियों की नेट इनकम में महत्वपूर्ण बढ़ोतरी हो सकती है।
7वें केंद्रीय आयोग की रिपोर्ट
- 7वें केंद्रीय वेतन आयोग 28 फरवरी 2014 को गठित हुआ था और इसकी सिफारिशें 1 जनवरी 2016 से लागू की गईं।
- इसके लागू होने के बाद सरकारी कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के वेतन और पेंशन में औसतन 23.55% की बढ़ोतरी हुई।
- इससे केंद्र सरकार पर वित्तीय दबाव भी बढ़ गया और खज़ाने पर 1.02 लाख करोड़ रुपये का अतिरिक्त बोझ पड़ा।
- जिससे वित्तीय घाटे को 3.9% से घटाकर 3.5% तक लाना चुनौतीपूर्ण हो गया।
