अयोध्या में राम मंदिर पर हुआ ऐतिहासिक ध्वजारोहण, पूरे देश में गर्व और उत्साह का माहौल; इजरायल के राजदूत ने बधाई

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Published On: 25 November 2025

अयोध्या में राम मंदिर के ध्वजारोहण समारोह को लेकर इज़रायल के भारत में राजदूत रयूवेन अज़ार ने हार्दिक बधाई देते हुए इसे भारत की प्राचीन सभ्यता के पुनर्जागरण का ऐतिहासिक क्षण बताया। उन्होंने कहा कि राम मंदिर पर धर्म ध्वज का फहराना भारत की सांस्कृतिक पहचान और आध्यात्मिक विरासत का शक्तिशाली प्रतीक है। उन्होंने लिखा, “अभिनंदन भारत! अयोध्या राम मंदिर में आज हुए ध्वजारोहण के लिए। यह एक महत्वपूर्ण सभ्यतागत प्रतीक की पुनर्स्थापना है।” इसके साथ ही अज़ार ने मंदिर निर्माण के समय अपनी यात्रा की तस्वीरें भी साझा कीं।

अयोध्या में राम मंदिर पर ऐतिहासिक ध्वजारोहण समारोह का आयोजन हुआ, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, RSS प्रमुख मोहन भागवत और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 191 फीट ऊँचे शिखर पर धर्म ध्वज फहराया। प्रधानमंत्री मोदी ने इसे सदियों के इंतजार, विश्वास और आस्था के पूर्ण होने का ऐतिहासिक अवसर बताया, जिसने पूरे देश में उत्साह और गर्व का वातावरण बना दिया।

 

राम मंदिर पर फहरा भगवा ध्वज

मंगलवार सुबह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, RSS प्रमुख मोहन भागवत और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 191 फीट ऊँचे राम जन्मभूमि मंदिर के शिखर पर भगवा धर्म ध्वज फहराया, जो मंदिर निर्माण के पूर्ण होने का प्रतीक है। इस 10 फीट ऊँचाई और 20 फीट लंबाई वाले ध्वज पर तीन पवित्र चिन्ह अंकित हैं—ॐ (सनातन ध्वनि), सूर्य (भगवान राम के सूर्यवंश का प्रतीक) और कोविदार वृक्ष (ऋषि कश्यप द्वारा निर्मित प्राचीन संकर वृक्ष)।

 

अभिजीत मुहूर्त में हुआ ऐतिहासिक ध्वजारोहण

अयोध्या में राम मंदिर पर हुए ध्वजारोहण समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसे “सदियों के घाव भरने वाला क्षण” और भारत की प्राचीन सभ्यता के पुनर्जन्म का प्रतीक बताया। यह कार्यक्रम अभिजीत मुहूर्त और विवाह पंचमी के शुभ संयोग में किया गया, जिससे इसका आध्यात्मिक महत्व और बढ़ गया। समारोह में पीएम मोदी ने राम लल्ला गर्भगृह, अन्नपूर्णा मंदिर और सप्तमंदिर में पूजा-अर्चना की। उन्होंने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि राम व्यक्ति नहीं, बल्कि मूल्य हैं और 2047 तक विकसित भारत बनाने के लिए हमें अपने भीतर राम को जागृत करना होगा।

पीएम मोदी ने महिलाओं, दलितों, पिछड़ों, किसानों, युवाओं और श्रमिकों को विकास के केंद्र में रखने की उपलब्धियों का जिक्र किया और इस ध्वजारोहण को “नए आत्मविश्वास और नई दिशा” का प्रतीक बताया।

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