भारत और यूरोप के बीच हुआ ऐतिहासिक व्यापार समझौता, 1 अक्टूबर से होगा लागू; 10 लाख नौकरियों की उम्मीद

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Published On: 20 July 2025

नई दिल्ली | भारत के लिए यूरोप से एक बड़ी खुशखबरी सामने आई है। भारत और यूरोपीय मुक्त व्यापार संघ (EFTA) के बीच ऐतिहासिक मुक्त व्यापार समझौता (FTA) हो गया है, जो 1 अक्टूबर 2025 से लागू होगा। यह वही समझौता है जिसे अमेरिका के साथ अब तक अंतिम रूप नहीं दिया जा सका था, लेकिन भारत ने यूरोप के 4 प्रमुख देशों स्विट्ज़रलैंड, नॉर्वे, आइसलैंड और लिकटेंस्टीन के साथ सफलतापूर्वक पूरा कर लिया है। केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने इस बड़ी उपलब्धि की जानकारी देते हुए कहा कि यह समझौता भारत की अर्थव्यवस्था, निर्यात और निवेश को नई ऊंचाइयों तक ले जाने में मदद करेगा।

भारत के लिए एक बड़ी खुशखबरी सामने आई है, यूरोप के चार प्रमुख देशों के साथ उसका ऐतिहासिक मुक्त व्यापार समझौता (एफटीए) तय हो गया है। केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने जानकारी दी कि भारत और यूरोपीय मुक्त व्यापार संघ (EFTA) के बीच हुआ यह समझौता 1 अक्टूबर 2025 से लागू होगा।

ऐतिहासिक समझौता

यह समझौता भारत और यूरोपीय मुक्त व्यापार संघ (EFTA) के बीच हुआ, व्यापार और आर्थिक भागीदारी समझौता (Trade and Economic Partnership Agreement – TEPA) है, जिस पर 10 मार्च 2024 को हस्ताक्षर किए गए थे। EFTA में चार देश शामिल हैं — स्विट्ज़रलैंड, नॉर्वे, आइसलैंड और लिकटेंस्टीन। अगले 15 वर्षों में भारत ने 100 अरब डॉलर के निवेश की प्रतिबद्धता जताई है। इसके बदले भारत ने इन देशों से आयात होने वाले कई उत्पादों पर शुल्क घटाने या पूरी तरह समाप्त करने पर सहमति दी है।

यह समझौता भारत की वैश्विक व्यापार रणनीति में एक बड़ा कदम माना जा रहा है, जिससे दोनों पक्षों के बीच आर्थिक सहयोग और व्यापार में उल्लेखनीय वृद्धि की उम्मीद है।

विदेशी पूंजी का समर्थन

भारत और यूरोपीय मुक्त व्यापार संघ (EFTA) के बीच हुआ ऐतिहासिक व्यापार समझौता 1 अक्टूबर से लागू होगा। इस समझौते के तहत EFTA देशों आइसलैंड, लिकटेंस्टीन, नॉर्वे और स्विट्जरलैंड ने भारत में अगले 15 वर्षों में कुल 100 अरब डॉलर के निवेश की प्रतिबद्धता जताई है। पहले 10 वर्षों में 50 अरब डॉलर और उसके बाद के पांच वर्षों में अतिरिक्त 50 अरब डॉलर का निवेश किया जाएगा। इस निवेश से भारत में करीब 10 लाख प्रत्यक्ष रोजगार के अवसर सृजित होने की उम्मीद है। EFTA समूह में स्विट्जरलैंड भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार है, जबकि अन्य तीन देशों के साथ भारत का व्यापार अपेक्षाकृत सीमित है।

उत्पादों पर शुल्क में छूट

भारत और यूरोपीय मुक्त व्यापार संघ (EFTA) के बीच हुए व्यापार और आर्थिक भागीदारी समझौते (TEPA) के तहत भारत ने EFTA देशों को कई रियायतें देने पर सहमति जताई है। इस समझौते के अंतर्गत भारत, EFTA को अपने कुल 82.7% उत्पाद श्रेणियों (टैरिफ लाइंस) पर आयात शुल्क में छूट देगा, जो EFTA के कुल निर्यात का 95.3% हिस्सा कवर करता है।

गौर करने वाली बात यह है कि इन निर्यातों में से 80% से अधिक आयात केवल सोने से संबंधित है। इसके अलावा, घड़ियों, चॉकलेट और हीरों जैसे उत्पादों पर लगने वाला शुल्क अगले 10 वर्षों में धीरे-धीरे समाप्त किया जाएगा। यह समझौता भारत के वैश्विक व्यापार में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर माना जा रहा है।

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