भारतीय रेलवे ने लागू की नई व्यवस्था, लोअर बर्थ और सोने के समय में हुआ बदलाव; यात्रियों को मिलेगी राहत

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Published On: 2 November 2025

भारतीय रेलवे (Indian Railways) ने यात्रियों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए टिकट बुकिंग से जुड़े नियमों में बड़े बदलाव किए हैं। ये नए नियम वर्ष 2025 से लागू होंगे। नई व्यवस्था के तहत लोअर बर्थ आवंटन की प्रक्रिया में सुधार किया गया है, ताकि वरिष्ठ नागरिकों और दिव्यांग यात्रियों को प्राथमिकता मिल सके। इसके अलावा रात में सोने के समय को लेकर स्पष्ट दिशा-निर्देश तय किए गए हैं, जिससे यात्रियों के बीच विवाद की स्थिति न बने। साथ ही, अग्रिम आरक्षण अवधि (एडवांस रिजर्वेशन पीरियड) को घटाकर यात्रा की योजना बनाना और टिकट बुक करना और आसान बना दिया गया है। रेलवे का कहना है कि इन बदलावों का उद्देश्य सफर को अधिक पारदर्शी, सहज और यात्रियों के अनुकूल बनाना है।

भारतीय रेलवे ने यात्रियों की सुविधा और यात्रा गुणवत्ता बेहतर बनाने के लिए टिकट बुक­ing नियमों में अहम बदलाव किए हैं। इनमें सबसे प्रमुख है आरक्षण की एडवांस बुकिंग अवधि (ARP) को पहले के 120 दिन से घटा कर 60 दिन कर देना, जो 1 नवंबर 2024 से लागू हुआ है।

लोअर बर्थ के नियम में बदलाव

भारतीय रेलवे ने यात्रियों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए लोअर बर्थ आवंटन से जुड़ा नया नियम लागू किया है। इसके तहत रेलवे ने नया RailOne ऐप लॉन्च किया है, जो आरक्षित और अनारक्षित दोनों तरह के टिकट एक ही प्लेटफॉर्म पर बुक करने की सुविधा देता है। अब लोअर बर्थ की प्राथमिकता और भी स्पष्ट कर दी गई है, वरिष्ठ नागरिकों, 45 वर्ष से अधिक आयु की महिलाओं और गर्भवती महिलाओं को पहले से ही लोअर बर्थ के लिए पात्र माना गया है।

यदि टिकट बुकिंग के समय लोअर बर्थ उपलब्ध नहीं होती, तो ट्रेन में टीटीई को अधिकार दिया गया है कि वह यात्रा के दौरान खाली लोअर बर्थ ऐसे पात्र यात्रियों को आवंटित कर सके। साथ ही, ऑनलाइन टिकट बुकिंग में अब एक नया विकल्प “Book only if lower berth is available” जोड़ा गया है, जिससे टिकट तभी बुक होगा जब लोअर बर्थ खाली होगी। यह सुविधा उन यात्रियों के लिए खासतौर पर उपयोगी है जो लोअर बर्थ के बिना सफर नहीं करना चाहते।

लागू हुई नई व्यवस्था

भारतीय रेलवे ने रिजर्व्ड कोचों में यात्रियों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए सोने और बैठने के नए नियम लागू किए हैं। अब रात 10 बजे से सुबह 6 बजे तक केवल अपनी निर्धारित बर्थ पर ही सोने की अनुमति होगी। दिन के समय सभी यात्री अपनी सीट पर बैठ सकेंगे। वहीं, आरएसी टिकटधारकों के लिए व्यवस्था की गई है कि वे दिन में साइड लोअर और साइड अपर बर्थ को साझा करेंगे, लेकिन रात के समय लोअर बर्थ का अधिकार केवल टिकटधारक को ही रहेगा। यह नियम यात्रियों के बीच होने वाले विवादों को रोकने और यात्रा को अधिक सुव्यवस्थित बनाने के लिए लागू किया गया है।

घटाई टिकट बुकिंग की अवधि

भारतीय रेलवे ने यात्रियों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए अग्रिम आरक्षण अवधि (Advance Reservation Period) में अहम बदलाव किया है। पहले जहां यात्री यात्रा की तारीख से 120 दिन पहले टिकट बुक कर सकते थे, वहीं अब यह अवधि घटाकर 60 दिन कर दी गई है। रेलवे का कहना है कि इस बदलाव से टिकट कैंसिलेशन के मामलों में कमी आएगी और सिस्टम को अधिक सरल व पारदर्शी बनाया जा सकेगा। इसके साथ ही रेलवे डिजिटल सेवाओं को बढ़ावा दे रहा है और यात्रियों को सलाह दी गई है कि टिकट बुकिंग के दौरान उपलब्ध सभी ऑनलाइन विकल्पों का सही उपयोग करें ताकि उनका सफर आरामदायक और परेशानी मुक्त रहे।

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