कभी तीन बच्चे कहो, कभी जनसंख्या खतरा बताओ”
ओवैसी ने RSS प्रमुख मोहन भागवत और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को भी आड़े हाथों लिया। उन्होंने कहा —
“कभी भागवत कहते हैं कि मुसलमानों की आबादी बढ़ रही है, फिर योगी कहते हैं कि देशी लोगों की जनसंख्या घट रही है, और अब भागवत तीन बच्चे पैदा करने की सलाह दे रहे हैं। आखिर ये तय कौन करेगा कि सच्चाई क्या है?”
ओवैसी ने कहा कि इस तरह के बयानों से समाज में भ्रम फैलाने और धार्मिक ध्रुवीकरण करने की कोशिश की जा रही है।
“घुसपैठ रोकना सरकार का काम, बहाना नहीं”
ओवैसी ने अमित शाह को सीधा जवाब देते हुए कहा कि अगर सरकार को लगता है कि घुसपैठ हो रही है, तो उसकी रोकथाम करना गृह मंत्रालय की जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा,
“आप गृह मंत्री हैं, आपके पास तमाम एजेंसियां हैं। अगर कोई बांग्लादेश से आ रहा है तो रोकिए, लेकिन हर बंगाली बोलने वाले मुसलमान को ‘बांग्लादेशी’ कहना नाइंसाफी है।”
बिहार में मतदाता सूची संशोधन पर उठाए सवाल
बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर ओवैसी ने विशेष मतदाता सूची संशोधन प्रक्रिया (SIR) पर गंभीर आपत्ति जताई। उन्होंने कहा कि यह प्रक्रिया जल्दबाजी और मनमाने ढंग से की जा रही है।
ओवैसी ने सवाल उठाया
“मतदाता सूची में नागरिकता की जांच चुनाव आयोग नहीं, गृह मंत्रालय का काम है। आयोग अगर यह करने लगेगा तो लोकतंत्र पर बड़ा सवाल खड़ा होगा।”
हटाए गए नामों पर हंगामे की आशंका
ओवैसी ने चेतावनी दी कि अगर जिन लोगों के नाम मतदाता सूची से हटाए गए हैं, उन्होंने जांच कराई, तो मतदान के दिन बड़ा हंगामा हो सकता है। AIMIM की बिहार इकाई के प्रमुख अख्तरुल इमान ने इस मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है। जानकारी के मुताबिक, बिहार में दो चरणों 6 और 11 नवंबर को मतदान होगा, जबकि 14 नवंबर को मतगणना की जाएगी। आयोग के अनुसार, 6.5 लाख नाम ड्राफ्ट लिस्ट से हटाए गए, जिनमें से बाद में 3.5 लाख नाम और हटाए गए।
ओवैसी का निष्कर्ष
ओवैसी ने कहा कि भारत को जनसंख्या के नहीं, समान अवसरों और न्याय के वितरण की चिंता करनी चाहिए।
“देश की ताकत उसकी विविधता है, लेकिन कुछ लोग इसे डर और नफरत का मुद्दा बना रहे हैं। जनगणना के आंकड़े झूठ नहीं बोलते, सिर्फ बयानबाजी झूठी होती है।”