देश | नई दिल्ली में एक बड़ा प्रशासनिक बदलाव होने जा रहा है। देश का सबसे महत्वपूर्ण कार्यालय, प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO), जो दशकों से साउथ ब्लॉक में स्थित था, अब अपने पुराने स्थान से हटकर नए एग्जिक्यूटिव एन्क्लेव में शिफ्ट होगा। यह नई जगह सेंट्रल विस्टा परियोजना के तहत आधुनिक ढंग से विकसित की गई है। भारत के नॉर्थ और साउथ ब्लॉक अब अपनी ऐतिहासिक विरासत को नए रूप में प्रस्तुत करेंगे। इन इमारतों को ‘युगे युगीन भारत संग्रहालय’ में बदलकर आम जनता के लिए खोल दिया जाएगा, जिससे लोग देश के प्रशासनिक इतिहास और धरोहरों से रूबरू हो सकेंगे।
नई दिल्ली से बड़ी खबर है कि प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO), जो देश की सबसे ताकतवर कुर्सी माना जाता है, जल्द ही अपने पुराने स्थान से नई जगह पर स्थानांतरित होने वाला है।
PMO का नया ठिकाना तैयार
नई दिल्ली में प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) अब नए, आधुनिक परिसर में शिफ्ट हो रहा है, जिसमें सिर्फ PMO ही नहीं बल्कि कैबिनेट सचिवालय, राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद सचिवालय और उच्च स्तरीय सम्मेलन सुविधाएं भी उपलब्ध होंगी। यह नया परिसर प्रधानमंत्री के निवास के और करीब होने से कामकाज में तेजी और बेहतर समन्वय की संभावना बढ़ाएगा, जबकि पुराने साउथ ब्लॉक में लंबे समय से आधुनिक संसाधनों की कमी और सीमित स्थान की समस्या बनी हुई थी।
सितंबर तक पूरा होगा स्थानांतरण
सूत्रों के अनुसार नए प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) को नया नाम दिए जाने की संभावना है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने तीसरे कार्यकाल की शुरुआत में यह संकेत दिया था कि PMO किसी व्यक्ति विशेष का नहीं, बल्कि जनता का होना चाहिए, और इसी सोच के तहत नामकरण में बदलाव किया जा सकता है। प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) का स्थानांतरण सितंबर 2025 तक पूरा होने की संभावना है। इस नए स्थानांतरण से प्रशासनिक कार्यकुशलता में वृद्धि के साथ-साथ ‘न्यू इंडिया’ की सोच और आधुनिक कार्यशैली को भी मजबूती मिलेगी।
सुविधाओं से लैस होंगे सरकारी भवन
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में गृह और कार्मिक मंत्रालय के कर्तव्य भवन-3 के उद्घाटन के अवसर पर ब्रिटिश काल की सरकारी इमारतों की स्थिति पर टिप्पणी की। उन्होंने कहा कि इन भवनों में न तो पर्याप्त रोशनी है और न ही वेंटिलेशन की उचित व्यवस्था, इसलिए इन्हें सुधारने और आधुनिक सुविधाओं से लैस करने का समय आ गया है।
