राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू आज सुबह बिहार के धार्मिक शहर गयाजी पहुंचीं और वहां के प्रसिद्ध विष्णुपद मंदिर में अपने पितरों का पिंडदान किया। मंदिर परिसर में उनके लिए विशेष सुरक्षा और पूजा पाठ के इंतजाम किए गए थे, जिसमें एल्युमिनियम फैब्रिकेटेड हॉल में तीन कक्ष बनाए गए थे। यह पहला मौका है जब किसी देश के राष्ट्रपति ने अपने कार्यकाल में गया में पिंडदान किया, जिससे मेले का माहौल और भी विशेष और धार्मिक-सांस्कृतिक रूप से ऐतिहासिक बन गया।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू आज सुबह गयाजी पहुंचीं और उन्होंने विष्णुपद मंदिर में अपने पितरों का पिंडदान किया। बिहार के धार्मिक शहर गयाजी में स्थित इस मंदिर परिसर में राष्ट्रपति के आगमन को देखते हुए सुरक्षा के कड़े प्रबंध किए गए थे और पूजा-पाठ के लिए विशेष इंतजाम भी किए गए थे।
राष्ट्रपति ने किया पिंडदान
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने अपने परिजनों के साथ गयाजी के विष्णुपद मंदिर में पितरों का पिंडदान किया। इस दौरान एक कक्ष में राष्ट्रपति और उनके परिवार ने पिंडदान किया, जबकि बाकी दो कक्षों में राष्ट्रपति भवन के अधिकारी मौजूद रहे। मंदिर और आसपास के इलाके में कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गई थी। पितृपक्ष के महीने में गयाजी में प्रमुख व्यक्तियों के आगमन का सिलसिला लगातार जारी है।
Governor of Bihar, Shri Arif Mohammed Khan, Union Minister for Micro, Small and Medium Enterprises, Shri Jitan Ram Manjhi and Minister of Co-operative, Government of Bihar, Dr Prem Kumar, received President Droupadi Murmu on her arrival at Gaya. pic.twitter.com/BL8rrfOtJX
— President of India (@rashtrapatibhvn) September 20, 2025
खबरों के अनुसार, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भी अपनी माताजी के पिंडदान के लिए गयाजी आने वाले हैं, जबकि कल ही प्रसिद्ध उद्योगपति मुकेश अंबानी अपने पुत्र अनंत अंबानी के साथ पितरों का पिंडदान कर चुके हैं।
पैतृक गांव में संपन्न श्राद्ध
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू अपने पैतृक गांव ऊपर बेड़ा, मयूरगंज, उड़ीसा पहुंचीं और वहां अपने पितरों का पिंडदान किया। यह पवित्र श्राद्ध कर्म राजेश लाल कटारियार के नेतृत्व में संपन्न हुआ, जिनके पास गांव के पिंडदानियों का बही-खाता सुरक्षित है। राष्ट्रपति ने पूरी विधि-विधान और पारंपरिक रीति-रिवाजों के अनुसार पिंडदान किया, जिसमें प्रशासनिक अधिकारी, धार्मिक पदाधिकारी और स्थानीय पंडा समाज भी उपस्थित रहे। प्रत्यक्षदर्शियों ने कहा कि राष्ट्रपति की मौजूदगी से मोक्ष भूमि की पावनता और बढ़ गई।
सुरक्षा व्यवस्था सख्त
राष्ट्रपति के आगमन के मद्देनजर गया जी की सुरक्षा को पूरी तरह से सख्त कर दिया गया। शहर के हर हिस्से में पुलिस बल तैनात किया गया और यातायात की विशेष व्यवस्थाएं की गईं, ताकि श्रद्धालु और राष्ट्रपति के कार्यक्रम में किसी प्रकार की असुविधा न हो।
गया में पितृपक्ष का महापर्व
गया जी में पितृपक्ष के दौरान हर साल हजारों-लाखों श्रद्धालु अपने पितरों की आत्मा की शांति और मोक्ष के लिए पिंडदान करते हैं। इसी परंपरा का सम्मान करते हुए राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने भी पिंडदान किया, जो पारंपरिक संस्कार और रीति-रिवाजों के प्रति उनके गहरे सम्मान को दर्शाता है और यह संदेश देता है कि ये संस्कार समाज के हर वर्ग के लिए समान रूप से महत्वपूर्ण हैं।