कांग्रेस नेता राहुल गांधी दक्षिण अमेरिकी देशों के दौरे पर हैं। गुरुवार को उन्होंने कोलंबिया विश्वविद्यालय के एक कार्यक्रम में भारत की वर्तमान स्थिति पर अपनी चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि भारत के सामने सबसे बड़ी चुनौती लोकतंत्र पर हो रहा हमला है। राहुल गांधी ने कहा कि भारत में कई धर्म, भाषाएं और परंपराएं हैं। यह देश इन सभी के बीच संवाद और सहिष्णुता का माध्यम है। उन्होंने कहा कि विभिन्न परंपराओं और विचारों को फलने-फूलने के लिए लोकतांत्रिक व्यवस्था बेहद जरूरी है।
उन्होंने जोर देकर कहा, “भारत में इंजीनियरिंग और स्वास्थ्य सेवा जैसी मजबूत क्षमताएं हैं, इसलिए मैं देश को लेकर आशावादी हूं। लेकिन देश की संरचनात्मक खामियों को भी हमें सुधारना होगा। सबसे बड़ी चुनौती लोकतंत्र पर हो रहा हमला है।”
भाजपा पर निशाना
राहुल ने बताया कि देश के विभिन्न हिस्सों में अलग-अलग विचारों और समुदायों के बीच तनाव भी बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि 16-17 प्रमुख भाषाओं और अनेक धर्मों के बीच सभी परंपराओं को पर्याप्त स्थान देना जरूरी है। राहुल गांधी ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और भारतीय जनता पार्टी की जोड़ी पर भी हमला किया। उन्होंने कहा कि उनकी विचारधारा में कायरता है। राहुल ने एक उदाहरण देते हुए कहा कि विदेश मंत्री के एक बयान में चीन को लेकर जो बात कही गई, उसमें डर और निश्चय की कमी दिखाई देती है।
उन्होंने विनायक दामोदर सावरकर की पुस्तक में एक घटना का हवाला देते हुए कहा कि सावरकर और उनके कुछ साथियों ने एक मुस्लिम व्यक्ति की पिटाई की और इसमें खुशी महसूस की। राहुल ने इसे आरएसएस की विचारधारा की कायरता बताया और कहा कि कमजोर लोगों को पीटना उनकी सोच का मूल है।
लोकतांत्रिक मूल्यों की रक्षा जरूरी
राहुल गांधी ने साफ किया कि भारत की विविधता और लोकतांत्रिक मूल्यों की रक्षा करना बहुत जरूरी है। उन्होंने कहा कि विभिन्न समुदायों और विचारों को बराबरी का अधिकार और जगह देना ही लोकतंत्र को मजबूत बनाएगा। कांग्रेस नेता ने इस दौरान यह भी कहा कि देश की संरचनाओं में सुधार करने और लोकतंत्र पर हो रहे हमलों का सामना करने के लिए सभी को जागरूक और सतर्क रहने की जरूरत है।