नई दिल्ली | उत्तर भारत में हर वर्ष होने वाली कांवड़ यात्रा अब केवल धार्मिक आस्था का नहीं, बल्कि एक बड़ी लॉजिस्टिक और सुरक्षा चुनौती का रूप ले चुकी है। उत्तर प्रदेश में कांवड़ यात्रा को सुरक्षित और सुगम बनाने के लिए योगी आदित्यनाथ सरकार ने हाईटेक सुरक्षा उपायों को लागू किया है। सरकार की ओर से जारी बयान के अनुसार, इस वर्ष यात्रा के दौरान एंटी-ड्रोन और टीथर्ड ड्रोन तकनीक का इस्तेमाल किया जा रहा है, जो पहले अयोध्या में राम मंदिर उद्घाटन समारोह और महाकुंभ में भी सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करने के लिए उपयोग में लाई गई थी।
सरकार ने कांवड़ यात्रा के दौरान भीड़ नियंत्रण, मार्ग व्यवस्था और आपात स्थिति से निपटने के लिए एक आधुनिक कंट्रोल रूम की स्थापना की है। इस कंट्रोल रूम में 24 घंटे रियल-टाइम निगरानी की व्यवस्था की गई है, इस साल की कांवड़ यात्रा में सुरक्षा के लिए महाकुंभ जैसी हाइटेक व्यवस्थाएं लागू की जा रही हैं।
प्रशासन रहे अलर्ट
उत्तर प्रदेश में कांवड़ यात्रा के दौरान जल व्यवस्था और यातायात प्रबंधन में किसी प्रकार की कमी न हो, इसके लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सभी तैयारियों की स्वयं समीक्षा की है। उन्होंने निर्देश दिए हैं कि सुरक्षा, चिकित्सा, स्वच्छता, जल आपूर्ति और यातायात नियंत्रण की व्यवस्था हर स्तर पर प्रभावी और समन्वित होनी चाहिए। मुख्यमंत्री ने महाकुंभ में किए गए सुरक्षा इंतजामों को मॉडल मानते हुए, कांवड़ यात्रा मार्गों पर भी उसी तर्ज पर व्यवस्था लागू करने के निर्देश दिए हैं।
कांवड़ यात्रा की सुरक्षा में तकनीक इस्तेमाल
मुख्यमंत्री ने सुरक्षा के दृष्टिकोण से ATS, RAF और QRT जैसे विशेष बलों की तैनाती की गई है। 29,454 सीसीटीवी कैमरे स्थापित किए गए हैं। 395 हाइटेक ड्रोन, एंटी-ड्रोन तकनीक और टीथर्ड ड्रोन के जरिए यात्रा मार्गों की निगरानी की जा रही है। इन ड्रोनों से प्राप्त रियल-टाइम वीडियो फीड को पुलिस महानिदेशक मुख्यालय से सीधे मॉनिटर किया जा रहा है। सरकार की इस व्यापक रणनीति का उद्देश्य कांवड़ यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करना, यात्रा को सुगम व व्यवस्थित बनाना, और किसी भी आपात स्थिति में त्वरित प्रतिक्रिया देना है।
कांवड़ियों की सुरक्षा में जुटा प्रशासन
कांवड़ यात्रा की सुरक्षा के लिए उत्तर प्रदेश सरकार ने अभूतपूर्व इंतजाम किए हैं। अधिकारियों के मुताबिक, भीड़ की निगरानी के लिए अत्याधुनिक टीथर्ड ड्रोन का उपयोग किया जा रहा है, जो एक स्थान पर स्थिर रहकर भीड़ पर नजर रखने में सक्षम हैं। इससे किसी भी आपात स्थिति की तुरंत जानकारी मिल सकेगी। साथ ही, सोशल मीडिया पर 24 घंटे निगरानी रखने के लिए एक विशेष आठ सदस्यीय टीम बनाई गई है, जो अफवाहों और भ्रामक सूचनाओं पर तत्काल कार्रवाई कर रही है। जिसमे 587 राजपत्रित अधिकारी, 2,040 निरीक्षक, 13,520 उपनिरीक्षक, 39,965 आरक्षी, 1,486 महिला उपनिरीक्षक, 8,541 महिला आरक्षी, 50 पीएसी कंपनियाँ, 1,424 केंद्रीय बल और होमगार्ड जवान है, जो व्यापक सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित करेंगे, जिससे कांवड़ यात्रा शांतिपूर्ण और सुरक्षित तरीके से संपन्न हो सके।
जिस तरह उत्तर प्रदेश में कांवड़ियों को सुरक्षा और सुविधा दी गयी है, वही सुरक्षा और सुविधा हर राज्यों में कांवड़ियों को मिलनी चाहिए।