आंध्र प्रदेश पर छाया झींगा संकट, करोड़ों का नुकसान; CM नायडू ने केंद्र से मांगी राहत

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Published On: 15 September 2025

आंध्र प्रदेश जिसने 2019 में केंद्र में मोदी सरकार की वापसी में अहम भूमिका निभाई थी, इस समय गहरे आर्थिक संकट से गुजर रहा है। अमेरिका ने भारतीय झींगा पर लगभग 60% तक टैरिफ लगा दिया है, जिससे राज्य को करीब 25,000 करोड़ रुपये का सीधा नुकसान हुआ है। झींगा निर्यात में देश की 80% हिस्सेदारी रखने वाला यह राज्य अब बड़ी चुनौती का सामना कर रहा है। इस गंभीर स्थिति को देखते हुए मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने केंद्र सरकार से राहत पैकेज और दीर्घकालिक रणनीति तैयार करने की मांग की है।

2019 में केंद्र में मोदी सरकार की वापसी में अहम भूमिका निभाने वाला आंध्र प्रदेश इस समय गंभीर आर्थिक संकट का सामना कर रहा है। दरअसल, अमेरिका ने भारतीय झींगा पर लगभग 60% तक का भारी टैरिफ लगा दिया है, जिससे राज्य को करीब 25,000 करोड़ रुपये का सीधा झटका लगा है।

मछुआरों हुए प्रभावित

अमेरिका ने भारतीय झींगा पर भारी शुल्क लगाकर भारत, खासकर आंध्र प्रदेश के लिए बड़ी मुश्किल खड़ी कर दी है। अमेरिकी सरकार ने 50% बेसिक टैरिफ के साथ 5.76% प्रतिपूरक शुल्क (CVD) और 3.96% एंटी-डंपिंग शुल्क जोड़कर कुल दर लगभग 59.72% कर दी है। इस निर्णय का सीधा असर आंध्र प्रदेश पर पड़ा है, क्योंकि यहां से हर साल करीब 21,000 करोड़ रुपये मूल्य का झींगा अमेरिका को निर्यात होता है। राज्य सरकार के मुताबिक, हालिया टैरिफ से अब तक निर्यातकों को करीब 25,000 करोड़ रुपये का नुकसान झेलना पड़ा है। अकेले 2,000 कंटेनरों पर लगभग 600 करोड़ रुपये का अतिरिक्त शुल्क चुकाना पड़ रहा है, जिससे राज्य के मछुआरे और निर्यातक गंभीर आर्थिक संकट में फंस गए हैं।

झींगा संकट

आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री और तेलुगु देशम पार्टी (TDP) प्रमुख चंद्रबाबू नायडू ने झींगा निर्यात पर अमेरिकी टैरिफ से उत्पन्न संकट को देखते हुए केंद्र सरकार से मदद मांगी है। उन्होंने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल और मत्स्य मंत्री राजीव रंजन को पत्र लिखकर राज्य के लिए तत्काल राहत पैकेज उपलब्ध कराने और भविष्य में इस तरह की परिस्थितियों से निपटने के लिए एक दीर्घकालिक रणनीति तैयार करने की अपील की है। नायडू ने साफ किया है कि मौजूदा हालात ने राज्य की अर्थव्यवस्था और लाखों लोगों की आजीविका पर गंभीर असर डाला है।

वित्तीय मदद की मांग

  • आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने केंद्र सरकार से झींगा उद्योग को बचाने के लिए विशेष राहत उपायों की मांग की है।
  • उन्होंने आग्रह किया है कि झींगा उद्योग के लिए अंतरिम वित्तीय सहायता दी जाए।
  • फ्रोजन झींगा पर 5% जीएसटी को अस्थायी रूप से माफ किया जाए।
  • बैंक ऋण और ब्याज भुगतान पर 240 दिन की मोहलत दी जाए।
  • ब्याज पर सब्सिडी और मछुआरों के लिए बिजली दरों में राहत दी जाए।
  • मुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि राज्य सरकार ने पहले ही एक्वा फीड की कीमतों में प्रति किलो ₹9 की कटौती की है और ट्रांसफॉर्मर सब्सिडी सहित अन्य राहत उपायों पर भी विचार किया जा रहा है।

2.5 लाख परिवार प्रभावित

आंध्र प्रदेश का मत्स्य उद्योग इस समय गंभीर संकट से जूझ रहा है, जिससे सीधे तौर पर 2.5 लाख परिवार और अप्रत्यक्ष रूप से करीब 30 लाख लोग प्रभावित हो रहे हैं। मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने स्पष्ट किया है कि यह सिर्फ राज्य का मुद्दा नहीं है, बल्कि राष्ट्रीय महत्व का विषय है। उन्होंने कहा कि मौजूदा आर्थिक झटके से बाहर निकलने और भविष्य में झींगा निर्यात को मजबूत बनाने के लिए केंद्र सरकार को राष्ट्रीय स्तर पर ठोस नीतिगत रणनीति तैयार करनी होगी।

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