डिजिटल भारत की ओर कदम, PM नरेंद्र मोदी ने लॉन्च किया ‘ज्ञान भारतम् मिशन’; काजीरंगा में AI से दुर्लभ पक्षियों की हुई पहचान

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Published On: 27 July 2025

नई दिल्ली | प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को अपने मासिक रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ के 124वें एपिसोड में देशवासियों को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने भारत की समृद्ध ज्ञान परंपरा और जैव विविधता को संरक्षित करने के लिए किए जा रहे दो महत्वपूर्ण प्रयासों पर प्रकाश डाला। प्रधानमंत्री ने बताया कि इन प्रयासों में टेक्नोलॉजी और संवेदनशीलता का अद्भुत संगम देखने को मिल रहा है, जिससे देश की प्राचीन धरोहर और प्राकृतिक संपदा को भविष्य के लिए सुरक्षित रखने में मदद मिल रही है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को अपने मासिक रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ के 124वें एपिसोड में देशवासियों को संबोधित करते हुए भारत की समृद्ध ज्ञान परंपरा और जैव विविधता के संरक्षण से जुड़े दो अहम प्रयासों पर जोर दिया।

पीएम मोदी ने लॉन्च किया ‘ज्ञान भारतम् मिशन’

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘ज्ञान भारतम् मिशन’ की घोषणा को एक ऐतिहासिक पहल बताया। उन्होंने कहा कि यह मिशन आने वाली पीढ़ियों को भारत की आत्मा से जोड़ने का माध्यम बनेगा। इस मिशन के तहत भारत की समृद्ध ज्ञान परंपरा और जैव विविधता को संरक्षित और संवर्धित करने के लिए व्यापक प्रयास किए जाएंगे। प्रधानमंत्री ने जोर दिया कि हमारा प्राचीन ज्ञान केवल किताबों या दीवारों तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि नई पीढ़ी की सोच और जीवनशैली का हिस्सा बनेगा।

भारतीय ज्ञान परंपरा होगी विश्व से जुड़ी

इसी विचार से प्रेरित होकर सरकार ने इस वर्ष के बजट में ‘ज्ञान भारतम् मिशन’ की शुरुआत की है। इस मिशन के तहत देशभर में बिखरी प्राचीन पांडुलिपियों का डिजिटलीकरण किया जाएगा और एक राष्ट्रीय डिजिटल रिपॉजिटरी तैयार की जाएगी। इस रिपॉजिटरी के माध्यम से न केवल भारत बल्कि दुनिया भर के छात्र और शोधकर्ता भारतीय ज्ञान परंपरा से जुड़ सकेंगे। प्रधानमंत्री ने लोगों से इस पहल में सक्रिय भागीदारी की अपील करते हुए कहा कि यदि आप इस दिशा में किसी प्रयास से जुड़े हैं या जुड़ना चाहते हैं, तो MyGov या संस्कृति मंत्रालय से संपर्क करें। उन्होंने जोर देकर कहा कि ये केवल पांडुलिपियां नहीं, बल्कि भारत की आत्मा के वे अध्याय हैं जिन्हें हमें आने वाली पीढ़ियों तक पहुंचाना है।

काजीरंगा में दुर्लभ पक्षियों की हुई पहचान

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने असम के काजीरंगा नेशनल पार्क में हुए एक अनूठे प्रयास की सराहना की। उन्होंने बताया कि काजीरंगा, जो अपने एक सींग वाले गैंडों के लिए प्रसिद्ध है, वहाँ पहली बार ‘ग्रासलैंड बर्ड सेंसस’ यानी घासभूमि पक्षियों की गणना की गई है। इस पहल में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) का उपयोग करके पक्षियों की पहचान की जा रही है। यह तकनीक जैव विविधता संरक्षण के लिए एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।

उन्होंने कहा कि आपको यह जानकर खुशी होगी कि इस गणना में 40 से अधिक पक्षी प्रजातियों की पहचान की गई, जिनमें कई दुर्लभ पक्षी भी शामिल हैं। यह सब तकनीक की मदद से संभव हुआ। टीम ने साउंड रिकॉर्डिंग डिवाइस लगाए और फिर उन ध्वनियों को AI तकनीक के ज़रिए कंप्यूटर पर एनालाइज किया गया। इस प्रक्रिया में पक्षियों को बिना परेशान किए, केवल उनकी आवाज से ही पहचान लिया गया।

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