ऑस्ट्रेलिया के मेलबर्न में 17 वर्षीय युवा क्रिकेटर बेन ऑस्टिन की अभ्यास के दौरान गेंद लगने से मौत हो गई, जिससे क्रिकेट जगत में शोक की लहर दौड़ गई है। वह टी20 मैच से पहले नेट्स में ऑटोमैटिक बॉलिंग मशीन के सामने हेलमेट पहनकर प्रैक्टिस कर रहे थे, तभी गेंद उनके सिर और गर्दन में लगी। उन्हें तुरंत अस्पताल ले जाया गया, लेकिन बुधवार, 29 अक्टूबर को उनकी मौत हो गई। स्थानीय क्लब ने इस घटना से पूरी तरह टूटने की बात कही है।
ऑस्ट्रेलिया के 17 साल के युवा क्रिकेटर बेन ऑस्टिन की मेलबर्न में एक अभ्यास सत्र के दौरान गेंद लगने से गंभीर चोटें आईं, जिन्हें अस्पताल ले जाने के बावजूद उनकी मृत्यु हो गई। इस दुखद घटना से पूरे खेल जगत शोक की लहर है।
17 वर्षीय युवा क्रिकेटर की हुई मौत
ऑस्ट्रेलिया के युवा क्रिकेटर बेन ऑस्टिन की सिर और गर्दन पर गेंद लगने से दुखद मौत हो गई। फर्नट्री गली क्रिकेट क्लब ने बयान जारी करते हुए कहा कि उनके निधन से क्लब और पूरे क्रिकेट समुदाय को गहरा दुख हुआ है। बेन ऑस्टिन एक उभरते हुए गेंदबाज और बल्लेबाज थे, और उन्हें एक स्टार खिलाड़ी, शानदार लीडर और बेहतरीन इंसान के रूप में याद किया जाएगा।
कौन है युवा क्रिकेटर बेन ऑस्टिन?
ऑस्ट्रेलिया के युवा क्रिकेटर बेन ऑस्टिन एक उभरते हुए प्रतिभाशाली खिलाड़ी थे, जो मेलबर्न के फर्नट्री गली क्रिकेट क्लब से जुड़े हुए थे। वे केवल 17 वर्ष के थे और अपनी शानदार बल्लेबाजी और तेज गेंदबाजी के लिए जाने जाते थे। उनके साथी खिलाड़ियों और कोच के अनुसार, बेन न सिर्फ एक बेहतरीन क्रिकेटर बल्कि एक प्रेरणादायक लीडर और विनम्र इंसान भी थे। वे स्थानीय स्तर पर कई प्रतियोगिताओं में उत्कृष्ट प्रदर्शन कर चुके थे और भविष्य में राज्य टीम के लिए खेलने की ओर बढ़ रहे थे। दुर्भाग्यवश, एक अभ्यास सत्र के दौरान गेंद लगने से उनकी अकस्मात मृत्यु हो गई, जिससे पूरा ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट समुदाय शोक में डूब गया।
क्रिकेट जगत में शोक की लहर
ऑस्ट्रेलिया के युवा क्रिकेटर बेन ऑस्टिन की मौत क्रिकेट जगत के लिए एक बड़ी सदमे की घटना है। यह हादसा प्रसिद्ध क्रिकेटर फिलिप ह्यूज की मौत की याद दिलाता है, जो 2014 में घरेलू मैच के दौरान गेंद गर्दन पर लगने से चल बसे थे। इस तरह की घटनाएं खेल में बहुत दुर्लभ होती हैं, लेकिन इनसे खेल की सुरक्षा पर ध्यान देने की आवश्यकता बढ़ जाती है। फिलिप ह्यूज की मौत के बाद क्रिकेट में कनकशन प्रोटोकॉल और खिलाड़ियों की सुरक्षा के लिए बेहतर उपकरणों का उपयोग बढ़ाया गया था, और अब बेन ऑस्टिन की दुखद घटना ने यह आवश्यकता फिर से उजागर कर दी है।
