झारखंड के लाल माही का आज 44वां जन्मदिन, रांची में मना उत्सव; CM सोरेन ने दी बधाई

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Published On: 7 July 2025

खेल | भारतीय क्रिकेट के पूर्व कप्तान और झारखंड के गौरव महेंद्र सिंह धोनी आज अपना 44वां जन्मदिन मना रहे हैं। इस खास मौके पर देश-विदेश से लाखों फैंस उन्हें शुभकामनाएं भेज रहे हैं। धोनी के होमटाउन रांची में तो मानो उत्सव का माहौल है।

CM सोरेन ने दी बधाई

इस बीच झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने भी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ (पूर्व में ट्विटर) पर बेहद खास अंदाज में कैप्टन कूल को जन्मदिन की बधाई दी। मुख्यमंत्री ने लिखा “झारखंड के लाल, कैप्टन कूल माही को जन्मदिन की ढेरों बधाई, शुभकामनाएं और जोहार। मुख्यमंत्री के इस बधाई से यह साफ झलकता है कि महेंद्र सिंह धोनी केवल एक क्रिकेटर नहीं, बल्कि झारखंड की पहचान और गर्व हैं। उनकी उपलब्धियों ने न केवल भारतीय क्रिकेट को गौरवान्वित किया, बल्कि झारखंड को वैश्विक मानचित्र पर एक विशेष स्थान दिलाया।

खास अंदाज़ में मनाया जन्मदिन

धोनी ने इस खास दिन को अपने गृहनगर रांची में बेहद खास अंदाज़ में मनाया। JSCA स्टेडियम में उन्होंने आम प्रशंसकों के साथ केक काटा और सभी के बीच एक आत्मीय जुड़ाव का एहसास कराया। मैदान पर उनका जादू जितना असरदार है, मैदान के बाहर भी माही की लोकप्रियता कम नहीं। उनके प्रशंसक आज भी उन्हें उतने ही जोश और श्रद्धा से चाहते हैं, जितना उनके क्रिकेट के दिनों में।

धोनी ने इस बार भी बेहद सादगी और अपनापन के साथ अपना 44वां जन्मदिन मनाया। रांची के राजकुमार माही ने अपने खास दोस्तों के बीच केक काटा और सभी के चेहरे पर मुस्कान बिखेर दी। इस खास मौके पर उन्होंने चॉकलेट केक काटा और सबसे पहले अपने दोस्तों को केक खिलाया। दोस्तों ने भी उन्हें केक खिलाया और चॉकलेट्स गिफ्ट में दीं।

धोनी का यह छोटा-सा सेलिब्रेशन एक बार फिर उनकी सादगी और अपनेपन को दर्शाता है। बिना किसी भव्य आयोजन के, माही ने अपने खास पलों को अपनों के साथ बांटकर यह दिखा दिया कि रिश्तों की मिठास ही असली खुशी होती है।

धोनी ने रांची को बनाया खेल नगरी

महेंद्र सिंह धोनी ने रांची जैसे छोटे शहर को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एक पहचान दिलाई। 7 जुलाई 1981 को एक साधारण परिवार में जन्मे धोनी ने कड़ी मेहनत, अनुशासन और अपने “कूल” स्वभाव के बल पर न केवल भारतीय क्रिकेट टीम को विश्वविजेता बनाया, बल्कि देश-विदेश में रांची और झारखंड को एक नई पहचान दी। उनकी सफलता ने झारखंड के युवाओं को भी प्रेरित किया कि सपने कहीं से भी शुरू हो सकते हैं — बस मेहनत और आत्मविश्वास होना चाहिए। आज रांची सिर्फ एक शहर नहीं, बल्कि “कैप्टन कूल” धोनी की वजह से एक खेल नगरी के रूप में जानी जाती है।

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