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MP भाजपा का बड़ा दावा, “वन नेशन, वन इलेक्शन” से बचेंगे समय और संसाधन; विकास कार्य होंगे लगातार

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Published On: 20 September 2025

MP भाजपा के राष्ट्रीय सह संगठन महामंत्री शिवप्रकाश ने शनिवार को भोपाल में आयोजित “एक देश-एक चुनाव” संगोष्ठी में बड़ा बयान दिया। उन्होंने कहा कि सरकार के पांच साल के कार्यकाल में लगभग 250 दिन आचार संहिता में बीत जाते हैं, जिससे विकास कार्य प्रभावित होते हैं। अधिकारी चुनाव के छह महीने पहले और छह महीने बाद तक आधिकारिक कामकाज नहीं कर पाते।

शिवप्रकाश ने कहा कि यदि देश में लोकसभा और विधानसभा चुनाव एक साथ हों, तो सरकार को काम करने का पर्याप्त समय मिलेगा। एक ही वोटर लिस्ट से गड़बड़ी की गुंजाइश कम होगी और विपक्षी नेता वोट चोरी का आरोप नहीं लगा पाएंगे।

लघु फिल्म

संगोष्ठी में पीएम नरेंद्र मोदी के जीवन पर आधारित लघु फिल्म भी दिखाई गई। शिवप्रकाश ने यह भी कहा कि बार-बार चुनावों से सरकारी अमला और सुरक्षा बलों का कामकाज प्रभावित होता है। दूसरे राज्यों और बॉर्डर से बल बुलाना पड़ता है और खर्च बढ़ता है। इसके अलावा, चुनावों में पब्लिसिटी और प्रचार पर भी भारी राशि खर्च होती है।

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष हेमंत खंडेलवाल ने बताया कि लोकसभा चुनाव में सिर्फ सरकारी खर्च के रूप में एक लाख करोड़ रुपए लगे। विधानसभा चुनावों के खर्च को जोड़ने पर यह राशि और बढ़ जाती है। उन्होंने कहा कि एक साथ चुनाव होने पर 20 हजार करोड़ रुपये तक की बचत हो सकती है।

छात्रों ने रखी राय

भोपाल हुजूर विधायक रामेश्वर शर्मा ने संगोष्ठी में युवाओं की भूमिका पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि धर्म अलग हो सकते हैं, लेकिन देश एक है। युवा समझें कि एक राष्ट्र, एक चुनाव क्यों जरूरी है। छात्रों ने भी अपनी राय रखी। सौम्या विश्वकर्मा ने कहा कि बार-बार चुनाव देश को थकाते हैं, जबकि एक साथ चुनाव समय, धन और संसाधन की बचत करेगा। भावना ने कहा कि इससे वोटर की भागीदारी बढ़ेगी और लोकतंत्र स्थिर रहेगा। अंशु मालवीय ने कहा कि यह व्यवस्था शिक्षा और प्रशासनिक कार्यों को बाधित होने से बचाएगी।

साक्षी यादव और इशिता हरचंदानी ने कहा कि एक ही समय पर चुनाव से राजनीतिक स्थिरता आएगी और सरकार बिना बाधा काम कर सकेगी। प्रियव्रत सिंह ने कहा कि इससे हजारों करोड़ की बचत होगी और जनता को बार-बार छुट्टी लेकर वोट डालने की जरूरत नहीं पड़ेगी। हिमांशी सेवानी ने जोर देकर कहा कि आचार संहिता विकास कार्य रोक देती है, जबकि “वन नेशन, वन इलेक्शन” इससे राहत देगा और लोकतंत्र को मजबूत करेगा।

इस संगोष्ठी में भाजपा नेता, कार्यकर्ता और छात्र-छात्राएं भी शामिल हुए। शिवप्रकाश ने स्पष्ट किया कि भारत का मतदाता परिपक्व है और देश में इस व्यवस्था को लागू करने का समय आ गया है।

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