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इंदौर में भाजपा नगर कार्यकारिणी घोषित, 33 पदाधिकारियों को मिली जिम्मेदारी

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Published On: 28 October 2025

इंदौर में करीब नौ महीने की देरी के बाद आखिरकार भाजपा नगर अध्यक्ष सुमित मिश्रा ने अपनी टीम का ऐलान कर दिया है। मंगलवार को जारी की गई इस सूची में 33 लोगों को जगह दी गई है। इनमें 8 उपाध्यक्ष, 3 महामंत्री और 8 मंत्री शामिल हैं। लेकिन टीम के साथ कई बातें चर्चा में हैं। कुछ नामों पर हैरानी है, तो कुछ पर विवाद भी। सबसे ज़्यादा ध्यान खींचने वाला नाम वरुण पाल का है। पिछली बार वे भाजपा ग्रामीण की टीम में मीडिया प्रभारी थे, अब उन्हें शहर की मीडिया जिम्मेदारी दी गई है। पार्टी के अंदरूनी हलकों में उनके नाम को लेकर खूब चर्चाएं चल रही हैं।

गुंडे युवराज उस्ताद की पत्नी को मंत्री पद

लिस्ट में स्वाति कासिद को मंत्री बनाया गया है। स्वाति, कुख्यात युवराज उस्ताद की पत्नी हैं। नगर निगम चुनाव के दौरान भाजपा ने उन्हें वार्ड 56 से टिकट दिया था, लेकिन सिर्फ 16 घंटे में टिकट वापस ले लिया गया था। उस वक्त तत्कालीन प्रदेश अध्यक्ष वी.डी. शर्मा ने साफ कहा था कि पार्टी “आपराधिक पृष्ठभूमि” से जुड़े परिवारों को टिकट नहीं देती। अब स्वाति को संगठन में जगह देने पर पार्टी के भीतर ही सवाल उठ रहे हैं।

सूची में गलत नाम और भाषा की गड़बड़ी

बीजेपी द्वारा जारी की गई सूची में एक और चूक सामने आई है। प्रदेश अध्यक्ष हेमंत खंडेलवाल का नाम “खंडेलवा” लिखा गया है। इसके अलावा सूची में कई जगह हिंदी की गलतियां भी हैं। इससे कार्यकर्ताओं में यह चर्चा है कि इतनी अहम लिस्ट को बिना जांचे जारी कैसे कर दिया गया। उधर नगर अध्यक्ष सुमित मिश्रा का फोन जारी होने के बाद से बंद बताया जा रहा है।

कुछ नए चेहरे

नगर महामंत्री के तौर पर सुधीर कोले को दोबारा मौका मिला है, जबकि कैलाश पिपले और महेश कुकरेजा नए चेहरे हैं। वहीं कोषाध्यक्ष, कार्यालय मंत्री और मीडिया संयोजक के पदों पर भी बदलाव कर दिए गए हैं, जो पार्टी की गाइडलाइन के खिलाफ माना जा रहा है। सूची में विधानसभा-3 से 9 पदाधिकारी शामिल हैं। इनमें दीपेंद्र सिंह सोलंकी, कैलाश पिपले, स्वाति कासिद, सचिन बंसल, विशाल यादव, आकाश गर्ग (रानू), नितिन शर्मा, रितेश शर्मा और दीपेश पचौरी के नाम हैं।

सवालों के घेरे में टीम मिश्रा

नई टीम के साथ सुमित मिश्रा ने संगठन को सक्रिय करने की कोशिश की है, लेकिन शुरुआत विवादों से हो गई है। अब देखना ये होगा कि भाजपा का स्थानीय नेतृत्व इन सवालों के बीच टीम को कितनी मजबूती से चला पाता है।

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