लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने कहा कि अब देश का नेतृत्व युवा पीढ़ी यानी जनरेशन Z को उठाना चाहिए। उन्होंने युवाओं से अपनी आवाज उठाने और अपने हक के लिए आगे आने की अपील की। उनका मकसद युवाओं को सक्रिय करना बताया जा रहा है।
बीजेपी विधायक रामेश्वर शर्मा ने राहुल गांधी के बयान पर तीखी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि देश के क्रांतिकारियों ने बलिदान दिया ताकि कोई अविवेकपूर्ण बच्चा देश का नेता प्रतिपक्ष बनकर लोकतंत्र को नुकसान न पहुँचाए। उन्होंने राहुल को माओवादी, आतंकवादी और पाकिस्तान की ISI से प्रेरित तक बता डाला और आरोप लगाया कि वह देश में हिंसा फैलाने की कोशिश कर रहे हैं।
न्यायालय और कांग्रेस से अपील
रामेश्वर शर्मा ने कहा कि इस मामले में न्यायालय को स्वतः संज्ञान लेना चाहिए। साथ ही उन्होंने कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे से भी अपील की कि वह राहुल गांधी को समझाएं और इस तरह के बयान देने से रोकें। वहीं, कांग्रेस के पूर्व विधायक और प्रवक्ता शैलेंद्र पटेल ने पलटवार करते हुए कहा कि बीजेपी नेताओं की सोच पर तरस आता है। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी ने केवल युवाओं को आगे आने और देश का नेतृत्व करने की बात कही। इसमें हिंसा भड़काने या आग लगाने जैसी कोई बात नहीं है।
देश के Yuva
देश के Students
देश की Gen Z
संविधान को बचाएंगे, लोकतंत्र की रक्षा करेंगे और वोट चोरी को रोकेंगे।मैं उनके साथ हमेशा खड़ा हूं।
जय हिंद! pic.twitter.com/cLK6Tv6RpS
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) September 18, 2025
सियासी बहस जारी
विश्लेषक मानते हैं कि राहुल गांधी का बयान युवाओं को सक्रिय करने का था, जबकि बीजेपी इसे मुद्दा बनाकर आलोचना कर रही है। संसद और मीडिया में दोनों तरफ से बहस शुरू हो गई है। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि यह मुद्दा किस दिशा में जाता है और क्या बातचीत से हल निकल पाता है।
युवाओं पर भी असर
इस पूरे घटनाक्रम में युवा वर्ग भी बहस का हिस्सा बन गया है। राहुल गांधी ने उन्हें प्रोत्साहित किया है, जबकि बीजेपी इसे संवेदनशील मामला मान रही है। राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप लगातार जारी हैं और आने वाले दिनों में इस पर जोरदार बहस होने की संभावना है।
